सेक्सी विधवा मौसी की चुत की ठुकाई – Antarvasna Sex Story

Antarvasna Sex Story

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कहानी में मेरी मौसी ने मुझपर डोरे डाल कर मुझे सेक्स के लिए उकसाया| मेरी मम्मी ने भी बहन पर तरस खाकर हमारे सेक्स को बढ़ावा दिया|

दोस्तो, जिंदगी में दो चीजें सिर्फ एक ही बार मिलती हैं ,बचपन और जवानी|बचपन तो चला गया, अब जवानी क्यों बर्बाद करें? लेकिन हमारा समाज इसमें बड़ा ही बाधा बनता है|यहां लड़कियां आसानी से पटती नहीं हैं तो फिर घर की ही किसी औरत को सैट करना पड़ता है|

ऐसी ही एक सेक्स कहानी है, मेरी महबूबा मलिका मौसी की| उनके नाम में ही गुण है मलिका | वे बिल्कुल सेक्स की देवी जैसी हैं|हैं तो वे 38 साल की, लेकिन बाप रे, क्या उनका फिगर है,अच्छे अच्छों का खड़ा हो जाए|

मौसी विधवा हैं| उनका बेटा और बहू लन्दन में जाकर बस गए हैं, वे बेचारी इधर अकेली रहती हैं| वे मेरी मां के साथ फ़ोन पर बहुत बातें किया करती हैं; मेरे साथ भी कभी बात कर लेती हैं| Antarvasna Sex Story

कुंवारी शिष्या शिकार चुत पे लंड का वॉर – Student Teacher Sex Story

Student Teacher Sex

एक दिन मां ने कहा- बेटा, मेरी बहन मलिका बेचारी अकेली रहती है,उसे बुरा लगता होगा| अपनी मौसी को थोड़े दिन के लिए यहीं बुला लो| वे यहां रहेगी तो अपनों की सोहबत में उसे अच्छा लगेगा| अकेलेपन से पागल जैसा दिमाग हो जाता है| जाओ अपनी मौसी को लेकर आ जाओ| उसके कपड़े सामान सब लेकर आना|

मैं कहां मना कर सकता हूँ| मैं कार से उन्हें लेने उनके घर की ओर निकल गया|उनके घर आकर मैंने मौसी से नमस्ते आदि के बाद पूछा- कैसी हो मौसी? मौसी ने सफेद साड़ी पहनी थी| पीछे से ब्लाउज का गला काफी खुला हुआ था|

उसमें सेमलिका मौसी की गोरी पीठ साफ दिख रही थी| सच में,क्या औरत है ये!मौसी से पहले ही फोन पर बात हो गई थी तो वे आने के लिए अपना सामान वगैरह सब पैक करके मेरे आने का इंतजार ही कर रही थीं|

जल्द ही हम दोनों कार में बैठ गए|वे मेरे बाजू की सीट पर बैठ गईं और मैं कार चलाने लगा| मौसी के दूध काफी मादक और बड़े थे| सीट बेल्ट बांधने की वजह से एकदम चिपक गए थे और ऐसे में कुछ ज्यादा ही बाहर को आकर अपना आकार दिखाने लगे थे|

क्या बताऊं बड़ा ही मादक दृश्य था वो! उनके दूध … हाय …वे कार से बाहर देख रही थीं| मैं धीमी गति से कार चला रहा था और कनखियों से उनके हवा में थिरकते चूचे देख लिया करता था|

हालांकि वे भी ये जान गई थीं|रास्ता लंबा था, हमने बहुत बातें की| उनकी मुस्कुराहट में गालों पर डिम्पल पड़ते थे| बड़ी ही कातिल अदा थी| मैंने कहा- आपकी स्माइल तो बहुत ही क्यूट है मौसी! वे कुछ नहीं बोलीं|

मैं उन्हें लेकर घर आ गया| वे मेरी मां को देख कर बहुत खुश हुईं| दोनों गले लग कर मिलने लगीं| मैंने सामान कार से निकाला बस इस तरह वे हमारे घर आकर रहने लगीं|

मां के साथ उनका जीवन चलने लगा| किचन में कभी कुछ मदद कर देतीं| टीवी देखतीं, मां के साथ खूब बातें किया करतीं| वे अब खुश नजर आ रही थीं| सही है अकेलापन पागल बना देता है| हम दोनों आपस में खुल गए थे|

मैं अभी कुंवारा हूँ| मैंने नोटिस किया कि मौसी को चुदास तो है| मगर वे अपनी कामना जाहिर नहीं होने देती थीं| मौसी को चुदना तो था लेकिन उन्हें अपनी पसंद के लंड से चुदना था|

मौसी को शायद पापा को पटाने की जगह जवान लंड ज्यादा कड़क पसंद आया था इसलिए उन्होंने मुझ पर सिग्नल देना शुरू किया| एक दिन वे पोता फेर रही थीं|नीचे झुक कर पोता मारती हुई मौसी बडी हॉट लग रही थीं| पीछे से उनकी गांड ऐसी दिखती मानो कोई बड़ा बॉम्ब हिल रहा हो|

उस वक्त मैं लैपटॉप में काम कर रहा था| वे पोता मारती हुई मेरी तरफ को आईं| उनके चूचों के बीच की लकीर यानि मौसी की क्लीवेज साड़ी हटने से साफ दिख रही थी|

दोस्त की साली बड़े चूची वाली- Antarvasna Sex Story

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मेरी नजर वहीं टिक गई|वे मेरी नजर भांप गईं- ओय क्या देख रहा है? मैंने अपना मुँह मोड़ लिया| वे हंसने लगीं| इस बार मौसी के गालों के गड्डे गुलाब की तरह खिल कर फूलने लगे| मैं उनकी स्माइल ही देखता रहा|

कितना हसीन लगता था उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा|वे भी मुझे देख रही थीं, साथ में वे पोता भी मार रही थीं|कुछ देर के बाद मौसी कमरे से चली गईं| उस दिन से वे अजीब अजीब हरकतें करने लगी थीं|

कभी मेरे बाजू में बैठ कर टीवी देखने लगतीं, कभी मुझे टच कर लिया करतीं|हमारा ये प्यार मां को खटकने लगा, वे भी ये सब नोटिस कर रही थीं| मां ने एक दिन मुझसे कहा- किशु, तुममलिका से थोड़ा दूर बैठा करो|

मैंने कहा- इसमें दिक्कत क्या है? वे मेरी मौसी ही तो हैं ना! हम लोग बड़े खुले और मॉर्डन परिवार के हैं, इसलिए मां को मुझसे बात करने में कोई हिचक नहीं आई| वे बोलीं- कुछ भी हो सकता है,मलिका मेरी बहन है| लेकिन आपने ही तो कहा था कि अकेलापन अच्छा नहीं है|

फिर मैं उनके साथ बातें करूँ, तो आपको क्या बुरा लगता है?’ क्योंकि मैं तुम दोनों की हरकतें देख रही हूँ| यहां आने के बाद वे कुछ ज्यादा ही हवा में उड़ने लगी है| ठीक है, मुझे कोई ऐतराज नहीं है| मैं भी चाहती हूँ कि वे खुश रहे और तुम उसे खुश रखो|’

मां के इस आखिरी वाक्य पर मैं तनिक चौंका कि ये क्या बोल रही हैं! मैंने कहा भी- क्या कहा आपने? ‘हां बेटे, वे बहुत ही दुखी औरत है| उसका पति उसे बहुत मारता था| उसका बेटा भी अमेरिका में बस गया| अगर तुमको मुश्किल न हो, तो मैं तुम दोनों को आपस में मिला देती हूँ| वे मानेगी तो नहीं, लेकिन फिर मान जाएगी| मैं उसे जानती हूँ|’

उस रात मां ने हम दोनों को पास में बुलाया- मलिका , मेरे बेटे से तुम्हें जो करना है, कर लो| मुझे कोई शिकायत नहीं है| मलिका मौसी भौचक्की सी हम दोनों की तरफ देखने लगीं|

वे बहुत शर्मा रही थीं, वे बोलीं- मतलब … क्या कह रही हो तुम? मैंने भी हिम्मत करके बोल दिया- मौसी, आप बहुत ही सुन्दर हैं| क्यों अपनी जवानी को नाहक बर्बाद कर रही हैं? जब मां को कोई कष्ट नहीं है, तो आपको क्या हिचक है? मैं भी आपसे प्यार करने लगा हूँ|

मां कमरा छोड़ कर बाहर जाने लगीं- तुम दोनों को जितना मजा लेना है … ले लो| बस किसी को बताना मत| मैं दरवाजा बंद कर रही हूँ|मलिका अब तो शर्म छोड़ दो| इतने साल से कब तक अबला बन कर जीती रहोगी|

मैं खुद कहती हूँ कि मेरे बेटे के साथ हर तरह के मजे ले ले … मेरी रजामंदी है तुम दोनों के लिए! फिर मां ने मुझसे कहा- सुन पगले, मेरी बहन को खूब सुख देना … समझ गया ना! इतना कह कर दरवाजा बन्द करके मां चली गईं|

रात आधी थी| हम दोनों कमरे में अकेले थे| मौसी बहुत शर्मा रही थीं| मैं जबरदस्ती बिल्कुल नहीं चाहता| मैं चाहता हूँ कि जब वे खुद ही राजी हों, तभी मजा आ सकता है|वे पलंग पर सिकुड़ी सी बैठी थीं|मैं उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा| वे कुछ नहीं बोलीं, सर झुकाए ऐसे ही बैठी रहीं|

मैं उनके जिस्म को जीभर कर घूर रहा था| मैंने भी अब बेशर्म होकर बोल दिया- हां मौसी, आप मुझे सेक्सी लगती हो| मैं आपकी चूत को अपने लौड़े से मौज करवाना चाहता हूँ| प्लीज मेरा साथ दो|

ये चूत लौड़ा जैसे शब्द सुन के वे मुड़ गईं| मैं सोच रहा था कि अजीब है, ना विरोध कर रही हैं और ना कुछ बोल रही हैं| ये तो बहुत ही ज्यादा शर्मीली हैं| इनके साथ धैर्य से काम लेना होगा| मैंने उनके नीचे बैठ गया|

वे पलंग पर बैठी थीं| मैंने उनकी जांघों पर हाथ रख कर कहा- मौसी मैं जानता हूँ, आप कई दिनों से इशारे कर रही हैं| आप कुछ बोल नहीं रही हैं … लेकिन मैं सब समझ रहा हूँ| प्लीज आप एक बार मेरे सामने खुल जाओ … मैं स्वर्ग यहां उतार दूंगा|

ये कह कर मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और पलंग पर लेटा दिया| मैंने मलिका मौसी को बहुत ही मजबूती से अपने आलिंगन में भींच लिया| अब मौसी भी मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी थीं और आहें भरने लगीं|

मेरी नजर वहीं टिक गई|वे मेरी नजर भांप गईं- ओय क्या देख रहा है? मैंने अपना मुँह मोड़ लिया| वे हंसने लगीं| इस बार मौसी के गालों के गड्डे गुलाब की तरह खिल कर फूलने लगे| मैं उनकी स्माइल ही देखता रहा|

कितना हसीन लगता था उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा|वे भी मुझे देख रही थीं, साथ में वे पोता भी मार रही थीं|कुछ देर के बाद मौसी कमरे से चली गईं| उस दिन से वे अजीब अजीब हरकतें करने लगी थीं|

कभी मेरे बाजू में बैठ कर टीवी देखने लगतीं, कभी मुझे टच कर लिया करतीं|हमारा ये प्यार मां को खटकने लगा, वे भी ये सब नोटिस कर रही थीं| मां ने एक दिन मुझसे कहा- किशु, तुममलिका से थोड़ा दूर बैठा करो|

मैंने कहा- इसमें दिक्कत क्या है? वे मेरी मौसी ही तो हैं ना! हम लोग बड़े खुले और मॉर्डन परिवार के हैं, इसलिए मां को मुझसे बात करने में कोई हिचक नहीं आई| वे बोलीं- कुछ भी हो सकता है,मलिका मेरी बहन है| लेकिन आपने ही तो कहा था कि अकेलापन अच्छा नहीं है|

फिर मैं उनके साथ बातें करूँ, तो आपको क्या बुरा लगता है?’ क्योंकि मैं तुम दोनों की हरकतें देख रही हूँ| यहां आने के बाद वे कुछ ज्यादा ही हवा में उड़ने लगी है| ठीक है, मुझे कोई ऐतराज नहीं है| मैं भी चाहती हूँ कि वे खुश रहे और तुम उसे खुश रखो|’

मां के इस आखिरी वाक्य पर मैं तनिक चौंका कि ये क्या बोल रही हैं! मैंने कहा भी- क्या कहा आपने? ‘हां बेटे, वे बहुत ही दुखी औरत है| उसका पति उसे बहुत मारता था| उसका बेटा भी अमेरिका में बस गया| अगर तुमको मुश्किल न हो, तो मैं तुम दोनों को आपस में मिला देती हूँ| वे मानेगी तो नहीं, लेकिन फिर मान जाएगी| मैं उसे जानती हूँ|’

उस रात मां ने हम दोनों को पास में बुलाया- मलिका , मेरे बेटे से तुम्हें जो करना है, कर लो| मुझे कोई शिकायत नहीं है| मलिका मौसी भौचक्की सी हम दोनों की तरफ देखने लगीं|

वे बहुत शर्मा रही थीं, वे बोलीं- मतलब … क्या कह रही हो तुम? मैंने भी हिम्मत करके बोल दिया- मौसी, आप बहुत ही सुन्दर हैं| क्यों अपनी जवानी को नाहक बर्बाद कर रही हैं? जब मां को कोई कष्ट नहीं है, तो आपको क्या हिचक है? मैं भी आपसे प्यार करने लगा हूँ|

मां कमरा छोड़ कर बाहर जाने लगीं- तुम दोनों को जितना मजा लेना है … ले लो| बस किसी को बताना मत| मैं दरवाजा बंद कर रही हूँ|मलिका अब तो शर्म छोड़ दो| इतने साल से कब तक अबला बन कर जीती रहोगी|

मैं खुद कहती हूँ कि मेरे बेटे के साथ हर तरह के मजे ले ले … मेरी रजामंदी है तुम दोनों के लिए! फिर मां ने मुझसे कहा- सुन पगले, मेरी बहन को खूब सुख देना … समझ गया ना! इतना कह कर दरवाजा बन्द करके मां चली गईं|

रात आधी थी| हम दोनों कमरे में अकेले थे| मौसी बहुत शर्मा रही थीं| मैं जबरदस्ती बिल्कुल नहीं चाहता| मैं चाहता हूँ कि जब वे खुद ही राजी हों, तभी मजा आ सकता है|वे पलंग पर सिकुड़ी सी बैठी थीं|मैं उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा| वे कुछ नहीं बोलीं, सर झुकाए ऐसे ही बैठी रहीं|

मैं उनके जिस्म को जीभर कर घूर रहा था| मैंने भी अब बेशर्म होकर बोल दिया- हां मौसी, आप मुझे सेक्सी लगती हो| मैं आपकी चूत को अपने लौड़े से मौज करवाना चाहता हूँ| प्लीज मेरा साथ दो|

ये चूत लौड़ा जैसे शब्द सुन के वे मुड़ गईं| मैं सोच रहा था कि अजीब है, ना विरोध कर रही हैं और ना कुछ बोल रही हैं| ये तो बहुत ही ज्यादा शर्मीली हैं| इनके साथ धैर्य से काम लेना होगा| मैंने उनके नीचे बैठ गया|

वे पलंग पर बैठी थीं| मैंने उनकी जांघों पर हाथ रख कर कहा- मौसी मैं जानता हूँ, आप कई दिनों से इशारे कर रही हैं| आप कुछ बोल नहीं रही हैं … लेकिन मैं सब समझ रहा हूँ| प्लीज आप एक बार मेरे सामने खुल जाओ … मैं स्वर्ग यहां उतार दूंगा|

ये कह कर मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और पलंग पर लेटा दिया| मैंने मलिका मौसी को बहुत ही मजबूती से अपने आलिंगन में भींच लिया| अब मौसी भी मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी थीं और आहें भरने लगीं|

लंडखोर चाची की चूत में बेलन जैसा लंड -Chachi Ki Chudai Ki Kahani

Chachi Ki Chudai Ki Kahani

मैंने उनकी साड़ी उतारी और चूचे दबाने लगा| वे मुस्कुराने लगीं| उनकी यही अदा मुझे बहुत ज्यादा भाती है| हौले से अपना चेहरा एक तरफ ऊंचा करके जब वे औरतबाजी वाला हल्का मुस्कान देती हैं |

तो बड़ी ही प्यारी लगती हैं| उनके बदन की महक तो एकदम गुलाब जैसी है| मैं उनके एक निप्पल को चूसने लगा| उनके निप्पल काले अंगूर की तरह सख्त और मोटे हो गए थे| सच में कितने सेक्सी निप्पल थे|

मौसी आह आह करने लगीं| मैंने उनका नाम लेते हुए कहा- मलिका , आपकी मलिका लग गई है मुझे! अब वे मुझसे थोड़ी खुलने लगीं| मेरा हाथ अपनी चूत पर ले जाकर नीचे फेरने लगीं और अपनी चूत पर रगड़ने लगीं|

एक तरफ में निप्पल चूस रहा था और दूसरी तरफ मौसी की चूत पर हाथ फेर रहा था| फिर मैंने उनको कुतिया बनाया| डॉगी में वे बहुत ही ज्यादा कंटीला माल लगती थीं|आय हाय क्या कमनीय काया है मौसी की!

उनकी कमर एकदम बलखाती हुई सेक्सी थी| अंदाजन यही कोई 32 की रही होगी … लेकिन कमर पर टिकी उनकी गांड एकदम गोल और 36 इंच की थी| ये शेप बहुत ही कातिल था| उनका फिगर किसी अप्सरा से कम नहीं लगता था|

उस समय उनके बाल खुले थे और कमर पर कहर बरपा रहे थे| कुतिया बन कर वे अपनी गांड हिलाने लगीं| चर्बी से भरी हुई गांड को वे ऐसे हिला रही थीं कि किसी नामर्द का भी लंड खड़ा हो जाए|

मैंने उनके एक चूतड़ पर हाथ फेर कर कहा- मस्त गांड है आपकी … कैसे की इसे ऐसी? मौसी ने कहा- मैं पहले डांस किया करती थी ना … मुझे डांस करने का बहुत शौक था, लेकिन मेरी शादी के बाद पति को लगता था कि ये सब चरित्रहीन औरतों का काम है|

मैंने कहा- नहीं मौसी, इसमें कुछ बुरा नहीं होता| उनकी गांड हिलाने अदा काबिले तारीफ थी|एक चूतड़ ऊपर, तो दूसरा नीचे … गजब की चर्बी भरी थी उनमें| क्या स्टेप लेती थीं वे … आह तो मुझे देख कर ही मजा आ गया|

मैंने कहा- आप डांस करके मुझे क्यों नहीं दिखातीं? इस पर वे शर्मा गईं| वे खड़ी हो गई| उस समय वे एकदम नंगी थीं और मेरे सामने खड़ी होकर पेट हिलाने लगीं|

कमर तो ऐसे हिला रही थीं, जैसे रेंगता हुआ सांप हो|मलिका मौसी बिल्कुल अय्या मूवी की रानी मुखर्जी की तरह कमर हिला रही थीं|उनका सेक्सी डांस देखकर मैं पागल हो गया और खड़ा हो गया| मैंने उनके पैर उठाए और उन्हें गोद में ले लिया|

फिर खड़े खड़े ही अपना लंड मौसी की चूत में डाल दिया|कमर भींच कर पकड़ ली और धकापेल चूत चोदने लगा|चूत में लंड जाने से मानो मौसी के अन्दर बिजली सी कौंध गई थी|

आह मरी ,होंठ चबा कर लंड लील लिया| फिर मैंने खड़े होकर मौसी को खूब चोदा|कुछ देर बाद मौसी की चूत टपक गई और चूत में कीचड़ हो गया| मैंने मौसी की चूत से लंड बाहर खींचा और उनको धक्का देकर पलंग पर गिरा दिया|

वे हांफ रही थीं और चादर पकड़ कर होंठ काटने लगी थीं- आह … आ जा मेरे शेर … तू मेरा मर्द और मैं तेरी औरत … आ जा फिर से पेल दे! और वे अपनी चूत पौंछ कर कुतिया बन गईं और कूल्हे हिलाने लगीं|

मुझ पर चूत चोदने का भूत सवार था और ऊपर से मौसी अपने चूतड़ हिला कर आग में घी डाल रही थीं| वे पलंग पर घोड़ी बनी हुई अपने कूल्हे हिलाए जा रही थीं| मैंने मौसी को पीछे से पकड़ लिया|

उनके दोनों मस्त बॉम्ब जैसे पौंद पकड़ कर सर्र फर्र करता हुआ चूत में लंड पेल दिया| लौड़े को लेने के साथ ही उनकी भरी हुई गांड को पकड़ कर दबादब चोदने लगा|

कुंवारी शिष्या शिकार चुत पे लंड का वॉर – Student Teacher Sex Story

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मेरे दोनों हाथों के निशान मौसी की गोरी गांड पर छप कर उभर आए थे| उनकी गोरी गांड लाल लाल हो गई और वे पहले से भी ज्यादा हॉट हो गई थीं| मैंने उनकी गांड पर चांटा मारना शुरू कर दिय| उनके दूध दबाकर पकड़ लिए और बस चुदाई का खेल शुरू कर दिया|

‘हाय , मेरी जान,पूरी रात तेरा पानी ही ना निकले और तू मुझे ऐसे ही चोदता रहे … यही तो चाहती थी मैं, लगा और जोर लगा कर डाल अन्दर, मैं भी आज देख ही लेती हू कि कितना दम है तेरे लंड में, चोद साले मुझे चोद,मेरा दिल कर रहा है कि आज तू मेरी फाड़ कर रख दे … मेरी फुद्दी आह|’

अब ऐसी बातों से मौसी की सारी शर्म गायब हो गई थी| मैं भी और भड़क गया और खूब ताकत से स्ट्रोक मारने लगा| यूं ही मौसी की चूत में लगभग चार सौ से ज्यादा धक्के मारे होंगे मैंने|

फिर मैं भी निढाल हो गया और अपने लंड की सारी मलाई मौसी की गांड पर फैला दी|वे बहुत खुश नजर आ रही थीं| मेरा बहुत ज्यादा माल गांड पर फैल गया था| अब भी वे गांड मटका कर हिला रही थीं और हंस रही थीं- वाह बेटे, आज तू मेरा पति बन गया है|

फिर वे उठीं और मेरे पैर छूने लगीं| ये क्या कर रही हो … आप मुझसे बड़ी हो|’लेकिन रिश्ते में तो पति बड़ा होता है ना … कितना सुख दिया आपने मुझे! तो अब आप ही मेरे पतिदेव बन गए हो| वे मेरे साथ बहुत मार पीट करता था| आप तो नहीं करोगे ना?

‘नहीं जान, मैं ऐसा नहीं हूँ|’इतना कह के मैंने मौसी को फिर से अपनी बांहों में ले लिया और उनके गर्म मुँह में अपने होंठ डाल कर कसके किस करने लगा| वे फिर से आहें भरने लगीं और मेरे ऊपर आ गईं|

‘मेरे स्वामी, आज तो मैं आपके ऊपर आकर आपको अपनी चूत का रस खूब पिलाऊंगी| इतना कह कर वे मेरे ऊपर आ गईं और पुचक पुचक करके चोदने लगीं|

मौसी का पेट मस्त सपाट है, भरे हुए दूध भी खूब भारी हैं|अब वे मुझे चोदने लगीं| कुछ देर बाद वे झड़ गईं और मेरी बांहों में सो गईं| सुबह नाश्ता करते वक्त मां ने पूछा- तो कैसा रहा कल रात का मामला? सुपर हिट गया ना?

ये कह कर मां जोर जोर से हंसने लगीं| मौसी फिर से शर्मा गईं|अचानक मौसी ने धमाका किया, वे बोलीं- सासु जी, कल रात बहुत अच्छी थी|

‘मलिका क्या बोल रही हो? तुम मेरी बहू नहीं हो … कहीं तुमको किशु से प्यार तो नहीं हो गया? मजे लो और भूल जाओ … ठीक है, ज्यादा भावुक मत बनो!’

लेकिन मौसी मुझे देख रही थीं- मैं तो इनको ही अपना पति मान चुकी हूँ| अब मैं यही रहूंगी| दीदी तुझे जो करना है कर ,अब मुझे भी जिन्दगी का मजा लेना है| इतना कह कर वे कमरे में चली गईं|

लेकिन मैं थोड़ा डर गया कि कहीं पापा को मालूम हो गया तो क्या वे इस ब्याह के लिए मानेंगे| थोड़ी देर बाद मौसी बाहर आईं| उनको देख कर मां की आंखें फट गईं|

उन्होंने लाल साड़ी पहनी थी बिल्कुल सुहागन की तरह|मौसी के हाथ में सिंदूर था| मौसी ने अपने हाथों से सिंदूर लगा दिया और मां की ओर देख कर बोलीं- दीदी तुम शादी कराओ … या ना कराओ, अब आखिर सांस तक यही मेरा दिल है और यही मेरा पति|

मैं इसके बच्चे की मां भी बनना चाहती हूँ और वैसे भी अभी 42 साल की ही हुई हूँ मैं| आजकल की गैर लड़कियां ब्याह करके सब बरबाद कर देती हैं| मैं कुछ भी ऐसा नहीं करूंगी, हम एक दूसरे को जितना जानते हैं उतना कोई नहीं!’

अब मां बहुत ही परेशान लग रही थीं| मैं सोचने लगा कि मौसी की बात तो सही है| मां का मौसी से साथ कमाल का नाता है| क्यों ना इनको अपनी बीवी बना लूँ? बाद में इस बात पर पापा ने बहुत कोहराम मचाया था|

लेकिन फिर वे मानें या मानें … मैंने तो मौसी से शादी कर ली| आज मैं और मेरी मौसी कम बीवी रोज रात को खूब मजा लेते हैं| वे बहुत अच्छा खाना पका कर खिलाती हैं और साथ में डांस करके मेरा दिल भी जीत लेती हैं|

पापा को ये सब पसन्द नहीं लेकिन मुझे अब कोई डर नहीं| एक साल बाद हम दोनों ने बच्चा पैदा किया, मां बहुत खुश हुईं|

ये कहानी अब आप ऑडियो में भी सुन सकते हो बिलकुल फ्री में लाये है आपके लिए  Hindi Audio Sex Story

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