देवर और ननदोई ने रात भर रगड़ कर चोदा – Hot Bhabhi Sex

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Hot Bhabhi Sex : नमस्कार दोस्तो, मैं हूँ मिसेज डिंपल गुप्ता।मेरी शादी अभी एक साल पहले ही हुई है।मैं अपने पति के साथ नागपुर में रहती हूँ। नागपुर मेरी ससुराल भी है और मायका भी।

मेरे मायके और ससुराल के बीच की दूरी मात्र 15 किलो मीटर है इसलिए दोनों जगह मेरा आना जाना अक्सर होता रहता है।मैं एक शोख़, चंचल और हंसमुख स्वाभाव की लड़की हूँ, गोरी हूँ, 5′ 4″ के कद वाली हूँ|

लम्बे वालों वाली और बड़े बड़े बूब्स वाली हूँ।खूबसूरत और हॉट होने के नाते, मुझे सेक्स बहुत ज्यादा पसंद है।मैं जब कॉलेज में पढ़ती थी तो दो बातों के लिए बहुत मशहूर थी।एक तो पढ़ाई करने में और दूसरे हंसी मजाक करने में!

हंसी मजाक में मैं गन्दी गन्दी बातें खुल्लम खुल्ला बोलती थी।मुझे लण्ड, चूत, गांड, भोसड़ा सब बोलने में बड़ा मज़ा आता था।
मेरी सहेलियां भी इसी तरह बोलती थीं।हम सब सहेलियां आपस में गालियों से बातें करतीं थीं और खूब एन्जॉय करतीं थीं।

लड़के कभी कभी हमारी गालियां सुनकर खूब मज़ा लेते थे।वे मेरे मुंह से ‘लण्ड’ सुनने के लिए घण्टों इंतज़ार करते थे।एक बात और आपको बता दूँ दोस्तो … कि मुझे लड़कों के लण्ड पकड़ने का बड़ा शौक था।

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मुझे लण्ड पकड़ने में बड़ा मज़ा आता था।मैं लण्ड पकड़ने में लिए क्लास से भाग जाया करती थी, कॉलेज से भी भाग जाया करती थी।सिनेमा हाल में मैं तीन तीन घंटे लण्ड पकड़े बैठी रहती थी।

मैं लड़कों के साथ ज्यादा न चलने वाली फिल्म देखने जाती थी और बालकनी में पीछे बैठती थी जहाँ अगल बगल कोई और नहीं होता था।अन्धेरा होते ही मैं लण्ड पकड़ लेती थी और झुक झुक कर लण्ड का टोपा चाट लेती थी।

लड़के मेरे ऊपर खूब पैसा खर्चा करते थे और मुझे बड़े प्यार से लण्ड पकड़ाते थे।इस तरह मैंने कई लड़कों के लण्ड पकड़े और मज़ा लिया।धीरे धीरे मैं लण्ड मुंह में लेने लगी।फिर लण्ड का मुट्ठ मार कर उसका वीर्य पीने लगी।

मुझे लण्ड पीने का चस्का लग गया।धीरे धीरे मेरी चूत ससुरी लण्ड खाने के लिए मेरी गांड में उंगली करने लगी, लण्ड खाने के लिए उतावली हो गयी और फिर मैं भी उसे बहुत दिनों तक रोक नहीं सकी।

फिर क्या … मैंने एक दिन एक हैंडसम और स्मार्ट लड़के का लण्ड पेलवा ही लिया अपने चूत में!हुआ यह कि मेरी सहेलीसिमा एक दिन मुझे अपने घर ले गयी जब उसके माता पिता बाहर गए थे।घर में कोई और नहीं था।

मैं थी औरसिमा थी।उसने मुझे कुलदीप नाम के एक लड़के से मिलवाया।वो लड़का मुझे एक ही नज़र में भा गया।फिर उसने बातों बातों में मुझे उसका लण्ड पकड़ा दिया।कुछ ही पल में उसने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया।

तब से मैं चुदवाने लगी।उस लड़के ने फिर मुझे भी खूब चोदा औरसिमा को भी खूब चोदा।मेरी चूत उसी दिन से खुल गयी थी.
फिर तो मैं अपने शादी के पहले कई लण्ड अपने चूत में पेलवा चुकी थी।

शादी के बाद कुछ दिन तक तो मैं अपने पति के लण्ड से काम चलाती रही.पर ज्यादा दिन तक नहीं चला पाई क्योंकि मुझे नए नए लण्ड पेलवाने का शौक पैदा हो गया था.उस दिन मेरे घर में मेरी जेठानी के बेटे का मुंडन संस्कार था।

हमारी ससुराल वालों ने तय किया कि इसे बड़े धूम धाम से मनाया जाए।इसलिए उस दिन घर पूरा मेहमानों से भरा था, काफी लोग इकठ्ठा हो गए थे।बड़ी हंसी ख़ुशी का माहौल था। सबके बीच में खूब हंसी मजाक भी होने लगा था।

चारों तरफ हंसी के ठहाके लग रहे थे।घर हमारा दो मंजिल का है और बहुत बड़ा है।मैंने देखा कि कुछ लड़के मेरी जेठानी को चोदने के फिराक में हैं, कुछ मेरी देवरानी को चोदना चाहते हैं और कुछ तो मेरी सास पर भी घात लगाए बैठे हुए हैं।

मेरी ननद भी किसी नए लण्ड के चक्कर घूम रही है।सब अपने अपने जुगाड़ में हैं।तब मैंने देखा कि मेरा देवर अरविन्दऔर मेरा ननदोई मनोज दोनों मेरे ऊपर नज़रें गड़ाए हुए हैं, मुझे लाइन मार रहे हैं।

चूँकि दोनों ही बड़े हैंडसम थे तो मैं भी उनको धीरे धीरे भाव देने लगी; तिरछीं निगाहों से देखने लगी; दोनों से अँखियाँ लड़ाने लगी।मैं डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहने हुई थी इसलिए मैं अपना पल्लू गिरा गिरा कर उन्हें अपनी चूचियाँ दिखाने लगी।

फिर क्या … दोनों भोसड़ी वाले मेरी गांड के पीछे लग गए।मैं जहाँ जहाँ जाती वो दोनों मेरे पीछे पीछे आ जाते और किसी न किसी बहाने मुझसे भाभी भाभी कह कर बातें करने लगते।मुझे भी अच्छा लगने लगा।

मनोज बोला- भाभी, आज तुम बहुत सुन्दर लग रही हो … मेरा मन डोल रहा है!मैंने मुंह बनाकर कहा- तेरा मन डोल रहा है या तेरा नीचे वाला डोल रहा है?वह मेरा इशारा समझ गया, बोला- वह तो बड़ी देर से खड़ा हुआ है भाभी!

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इतना कड़क है कि डोल भी नहीं पा रहा है बेचारा!फिर पीछे से मनोज आ गया, बोला- मेरा भी खड़ा है भाभी जी!मैंने मुस्कराते हुए उसके कान में कहा- खड़ा है तो अपनी गांड में डाल लो।

मैं जाने लगी तो वह धीरे से बोला- तुम्हारी गांड में डालूँगा भाभी जी।यह सुनकर मेरी चूत साली गीली हो गयी।मैं मन ही मन सोचने लगी कि अगर इन दोनों के लण्ड मिल जाएँ तो मज़ा आ जाये।

पर इतनी भीड़ भाड़ में मौक़ा मिलना बड़ा मुश्किल नज़र आ रहा था।लेकिन मैंने दोनों के लण्ड मे एक चिनगारी तो लगा ही दी थी।मुंडन संस्कार जब सम्पन्न हो गया तो मेहमान एक एक करके वापस जाने लगे.लेकिन नअरविन्दगया और न मनोज ।

मैं उन दोनों को देख कर खुश थी कि वो रुके हुए थे।अगले दिनअरविन्दमेरे पास आया और बोला- डिंपल भाभी अब मान जाओ न? रात भर न मैं सोया और न मेरा ‘ये’!मैंने कहा- ‘ये’ क्या होता है? साफ़ साफ़ बोलो।

लण्ड’ बोलने में तेरी गांड फट रही है क्या?यह सुनते ही वह उछल पड़ा।उसके लण्ड में जबरदस्त करंट लग गया।उसका खिलखिलाता हुआ चेहरा देख कर मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी।तब तक मनोज आ गया।

वह बोला- भाभी, आज तो आप बड़ी हॉट लग रही हो। मैं अपने आप को रोक नहीं सकता। मुझसे कोई गलती हो जाए तो माफ़ कर देना भाभी!मैंने कहा- पहले गलती तो करो ननदोई जी, तब माफ़ करूंगी।वह रात पूर्णिमा की रात थी।

मैं चुपचाप अकेली छत पर चली गयी।मुझे चांदनी रात बड़ी सुहावनी लग रही थी; मैं उसी का आनंद लेने लगी।उस समय मैं केवल एक स्लीवलेस मैक्सी पहने हुए थी, मेरी बांहें खुली हुईं थीं और मेरे बाल भी खुले हुए थे।

मैं अंदर से बिलकुल नंगी थी।तभी अचानक मेरा देवरअरविन्दआ गया और मुझे अपनी बांहों में भर कर बोला- भाभी जी, आज मुझे मत रोकना।मैंने कहा- अरे अरे … यह क्या कर रहे हो देवर जी? कोई देख लेगा तो?वह बोला- यहाँ कोई नहीं आएगा।

इसी बीच उसने मेरे मम्मे दबा दिये और मेरे गालों की चुम्मी ले ली।मैं उससे अपने आपको छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन छुड़ा न पाई।उसने मुझे और ज्यादा जकड़ लिया।तभी मेरा ननदोई मनोज भी आ गया।

मैंने कहा- अरे मनोज देखो नअरविन्दक्या कर रहा है?वह बोला- भाभी जी, तुम इतनी खूबसूरत हो कि मुझे भी कुछ करने का मन हो रहा है।उसने मेरे चूतड़ों पर बड़े प्यार से थप्पड़ मारे।

मनोज मेरे चूतड़ों का मांस मुट्ठी से नोचने लगा, मुझे बहुत अच्छा लगने लगा।लेकिन मैं नाटक करते हुए मना करती रही।मैंने कहा- अरे यार, कोई आ जाएगा तो?वह बोला- भाभी जी, मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया है।

अब कोई और नहीं आ सकता। वैसे भी घर में कोई और है भी नहीं।मैं बोली- तुम भीअरविन्दका साथ दे रहे हो मनोज ? तुम दोनों भोसड़ी वालों ने मुझे क्या समझ रखा है? मेरी फुद्दी लेना चाहते हो?

मुझे चोदना चाहते हो? मेरी इज़्ज़त लूटना चाहते हो? तुम्हारी गांड में दम हो तो मेरी इज़्ज़त लूट के दिखाओ?फिर क्या … वो दोनों उत्तेजित हो गए और मेरी मैक्सी उतार कर फेंक दी.मैं मादर चोद उनके आगे बिल्कुल नंगी हो गयी।

मुझे नंगी करते हुएअरविन्दने कहा- तुमने मुझे बहुत तड़पाया है डिंपल भाभी! जाने कितनी बार तेरे नाम का सड़का मारा है मैंने! मैं कब तक सड़का मारता रहूँगा भाभी जी? अब तो मैं तुम्हें चोदूंगा चाहे कुछ भी हो जाए।

अब तो मैं लण्ड पेलूँगा तेरी चूत में बहनचोद!उधर से मनोज बोला- मैंने भी तेरे नाम का कई बार मुट्ठ मारा है भाभी! मैं तो तेरी गांड में भी ठोकूंगा लण्ड और चूत में भी! इतनी मस्तानी चूत और कहाँ मिलेगी मुझे!

मुझे तेरी चूत और तेरी गांड दोनों ही बहुत पसंद हैं। तेरी जैसी खूबसूरत औरत कोई और नहीं है डिंपल भाभी। तुझे देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है भाभी।और वे दोनों ही मेरे ऊपर टूट पड़े। मनोज एक चूची मसलने लगा तो दूसरी चूची मनोज !
मुझे दोनों से अपनी चूचियाँ मसलवाने में मज़ा आने लगा।

 

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