औरत के जिस्म की गर्मी शांत की – Desi Sex Kahhani

Sexylisa - Hindi Sex Story

Sex Story

देसी सेक्स कहानी में पढ़ें कि शादी के कुछ साल बाद सेक्स लाइफ नीरस होने लगती है. मैंने अपनी बीवी के साथ मिलकर अपने सेक्स जीवन में क्या किया मजे के लिए?

मेरी बीवी का नाम सुनिधि है। उसकी उम्र 30 साल है। वो गोरी और लंबी है। उसका शरीर फिट है।
उसकी गांड चौड़ी और दूध नॉर्मल से थोड़े बड़े है।

मेरी उम्र 35 साल है।
हमारी शादी को 4 साल हो चुके हैं।

अपनी बीवी की चूत को मैं चोद चोद कर अब थक चुका हूं। मैंने उसको लगभग हर एंगल से चोदा है।
अब तो कई कई दिनों तक हम दोनों सेक्स नहीं करते।

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हम दोनों अब ऊब चुके थे; कुछ नया नहीं हो रहा था। हम चाहते थे कुछ न्यू Xxx !

एक दिन सुनिधि ने कुछ दिनों के लिए बाहर घूमने का प्लान बनाया।

हम लोग 1 हफ्ते की ट्रिप पर मेघालय घूमने चले गए।
शुरू में एक दो दिन सुनिधि को मैंने चोदा।

लेकिन अब हम दोनों सेक्स लाइफ को मजेदार बनाने के लिए कुछ नया करना चाहते थे।
इसी का परिणाम है यह अ न्यू Xxx कहानी!
एक दिन हमारे होटल के कमरे में एक होटल सर्विस वाला आदमी आया।
मैंने सुनिधि को उस आदमी को गर्म करने को कहा।

सुनिधि ने कहा- पागल हो गए हो क्या?
लेकिन बहुत मनाने पर वो मान गई पर बोली- मुझे तो ये सब अच्छा नहीं लग रहा। कुछ गड़बड़ हो गई तो?

मैंने सुनिधि से कहा- तुम ज्यादा कुछ नहीं … केवल हॉट से कपड़े पहनकर सोफे पर टीवी देखती रहना। उस आदमी की तरफ मत देखना … तुम केवल टीवी देखती रहना। मैं पीछे से कैमरे से देखूंगा कि क्या वो तुम्हें चुपके से देख रहा है या नहीं।

शाम को उस सर्विस वाले आदमी को सुनिधि ने खाना के आर्डर के बहाने बुलाया और सोफे पर पैंटी और ऊपर पारदर्शी ब्लाउज़ पहन सोफे पर बैठ गई।
मैं पीछे छुप गया।

वो आदमी खाना रखकर जाने लगा; उसने सुनिधि को एक नजर देख नजरअंदाज कर दिया।

अगले दिन फिर सुनिधि वहीं कपड़े पहने बैठी थी.

इस बार वो सुनिधि को घूर घूर कर देख रहा था। उसने सुनिधि को देख हल्की सी मुस्कुराहट दी, फिर वो चला गया।

अगले दिन सुनिधि को मैंने पूरा बेड पर नंगी लेटने को कहा और ऊपर से चादर उढ़ा दी।

इस बार मैंने उसको खाना देने के लिए बुलाया।
मैं चड्डी में था।

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वो आदमी आया।
मैंने उसको अन्दर बुलाया.

उसने देखा सुनिधि बेड पर लेटी है। सुनिधि की टांगें और थोड़ा दूध वाला हिस्सा दिख रहा था, बाकी शरीर पर चादर थी।

उस आदमी का लन्ड पूरा तन रहा था। वो सुनिधि को देख सोच रहा होगा कि अभी अभी चुत चुदवा कर लेटी है।

फिर मैं पैसे लेने दूसरी तरफ चला गया।
जिससे वो आदमी सुनिधि को पूरा ताड़ के देखने लगा।

उसके अगले दिन हम लोगों ने उस होटल से चेकआउट कर लिया।
चेकआउट करते समय वो सुनिधि की गांड को घूर कर देख रहा था।

अब सुनिधि और मैं उस आदमी के बारे में बात कर मज़े करने लगे। अब सुनिधि को चोदने में मुझे पहले से ज्यादा मज़ा आने लगा।

सुनिधि और मैं अलग अलग होटल में वही खेल खेलते। सुनिधि की भी सारी शर्म खत्म हो चुकी थी।
अब तक सुनिधि कई लोगों को गर्म कर चुकी थी।

हम दोनों केवल यही तक मौज मस्ती करते थे। सुनिधि किसी दूसरे नहीं चुदवाती थी। हम केवल मौज मस्ती करते थे।

कभी कभी स्पा और मसाज पार्लर में लड़के उसको मसाज दे चुके थे।
मसाज मेरे सामने ही होती थी। पैंटी और ऊपर ब्रा में मसाज होती थी।
सुनिधि ने कभी पूरा नंगी होकर मसाज नहीं करवाई थी।

ये सब मज़े से चलता रहता था।

जब भी हम लोग कहीं दूर घूमने जाते तब तब ऐसी मौज मस्ती करते।
मेरी जॉब के कारण अब मैं शहर से बाहर रहता था।

अब मैं सोचने लगा कि सुनिधि को मेरी गैरहाजरी में कोई चोद ना दे क्योंकि मैं दस-दस दिन बाहर रहता था।

मैंने सोचा कि कुछ दिनों के लिए अपनी बहन को बुला लूं।
उसकी उम्र 28 साल थी। उसका नाम काव्या था … दिखने में गोरी।

मैंने उसको बुला लिया।
वो भी सुनिधि के साथ रहने लगी।

कुछ दिनों बाद:

मेरे गांव में मेरा एक पुराना घर था जहां कोई नहीं रहता था।

मैंने सोचा मेरे गांव वाले पुश्तैनी घर की देखरेख करने वाली बुढ़िया को कुछ दिनों के लिए सुनिधि के पास भेज दूं; सुनिधि की मदद हो जाएगी, घर की साफ सफाई करने के लिए मदद हो जाएगी।
वैसे उस बुढ़िया की तबीयत ठीक नहीं रहती थी।

उसने मुझसे कहा कि अगर कुछ दिनों की बात है तो वो अपने पोते मोहन को भेज देगी, कुछ दिनों के लिए आ जाएगा।

मैं दो साल पहले मोहन से मिला था जब गांव गया था।
वो पढ़ाई करता है।

अब मोहन शायद 21 या 22 साल का होगा।
बहुत सीधा लड़का था।

मैंने उसको घर बुला लिया।
मोहन बिल्कुल गोरा और पतला सा लड़का था। वो बहुत खूबसूरत था।
अगर वो शहर का लड़का होता और थोड़े कपड़े अच्छे पहने होता तो उसकी शक्ल देख कर ही लड़कियां उससे चुदवा रही होती।

मैंने उसको सुनिधि और काव्या से मिलवाया। मैंने कहा- मोहन कुछ दिनों के लिए यहीं रहकर काम में मदद करेगा।

सुनिधि और काव्या दोनों उसकी दादी के बारे में पूछने लगी कि अब वो कैसी है।
मोहन उन दोनों के सामने बहुत शरमा रहा था।

सुनिधि ने उसका कमरा दिखाया।

अगले दिन मैं ऑफिस के काम से बाहर चला गया।

कुछ दिनों बाद घर आया।
मैंने देखा मोहन अब सभी काम कर रहा था।

रात को मैंने सुनिधि को मैंने सेक्स करने के लिए नंगी किया, उसके बूब्स चूसने लगा और बीच बीच में घर की बाते भी करने लगा।
सुनिधि को मैंने चोदना शुरू किया।

चुदाई के बाद हम दोनों बात करने लगे।

मैंने पूछा- मोहन ठीक से तो काम कर रहा है?
सुनिधि बोली- हां, लेकिन थोड़ा शर्मीला है।

मैंने कहा- हां, हो सकता है कि अभी तब किसी लड़की को चोदा ना हो इसलिए शर्मीला है।
सुनिधि ने कहा- काव्या उससे बहुत बात करती है।
और सुनिधि हंसने लगी।

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मैंने कहा- काव्या, मोहन से बहुत बड़ी है। तो क्या हुआ अगर बात करती है।
फिर हम सो गए।

ऐसे देखते देखते 2 महीने बीत गए।

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एक दिन सुनिधि किचन में थी।
किसी बात को लेकर उसकी बहस काव्या से हो गई। दोनों के झगड़ने की आवाज़ मेरे कमरे तक आने लगी।

मैंने दोनों से पूछा- क्या हुआ?
काव्य ने कहा- भाभी हर वक्त छोटी छोटी बात पर झगड़ा करती रहती हैं।
सुनिधि और ज्यादा गुस्सा करने लगी।

रात को मैंने कमरे में सुनिधि को किस किया और उससे काव्या से झगड़ा ना करने के लिए बोला।

सुनिधि ने कहा- अभी तुमको तुम्हारी बहन के बारे में बताऊंगी। तब तुम्हें पता चलेगा। वो मोहन के कमरे में घुसी रहती है। मोहन जैसे सीधे साधे लड़के से गलत काम करवाती है।
अब मुझे सुनिधि की बात समझ आयी।

मुझे यकीन नहीं हो रहा था सुनिधि ने मोहन और काव्या की कई बार रिकॉर्डिंग की थी।

सुनिधि ने कहा- ये देखो, तुम्हारे पीट पीछे कैसे गुलछर्रे उड़ाती है तुम्हारी बहन!
उसने दोनों का एक चुदाई वीडियो खोल दिया।

मोहन काव्या से कह रहा था- दीदी रहने दीजिए भाभी देख लेंगी, जाने दीजिए।
काव्या कह रही थी- भाभी सो रही है।

देखते ही देखते काव्या मोहन का लन्ड मुंह में रहकर चूसने लगती है।
मोहन का दो तीन मिनट में माल निकलने लगता है।
काव्या उसका लन्ड मुंह से बाहर निकलती है और लन्ड पौंछने लगती है। मोहन का हाथ अपने दूधों पर रखती है।
मोहन काव्या के सीने से चिपक जाता है और हल्के हल्के हाथों से दूधो को रगड़ने लगता है।

कुछ ही मिनट में उसका लन्ड दुबारा खड़ा हो जाता।
मोहन का इतनी जल्दी खड़ा हो गया था।
उसको देख कर ऐसा लग रहा था कि उसने जल्द ही किसी लड़की को पहली बार चोदा होगा।

शायद काव्या उसका भोग लगा रही थी।
उसका लन्ड पहली बार काव्या ने ही लिया हो।

काव्या ने उसका लन्ड अपनी चूत पर रखा।
मोहन की बिल्कुल आँखें बन्द हो चुकी थी, वो काव्या के अंदर अपना लन्ड डालने लगा।

काव्या उसके कंधों को पकड़े हुए थी।

मोहन कुछ ही झटकों में झड़ गया; काव्य का अभी नहीं हुआ था।
उसने मोहन की तरफ गुस्से से देखा.
फिर वो बेड पर बैठकर तुरंत मोहन के लन्ड को खड़ा करने के लिए मुंह में लेकर चूसने लगी।

मोहन की आँखें बिल्कुल बन्द हो चुकी थी, वो काव्या के कंधों से उसको पीछे धकेल रहा था और बोल रहा था- काव्या दीदी, बस करिए … आआआ …

काव्या का अभी तक नहीं हुआ था।
उसने मोहन का लन्ड फिर से चूत पर सेट किया और मोहन एक बार फिर चोदने लगा।
मोहन का लन्ड पतले डंडे की तरह लग रहा था जो काव्या की गहराई तक नहीं पहुंच पा रहा था।

अपने दोनों हाथों से मोहन काव्या के स्तनों को दबा रहा था।
कुछ शॉट के बाद मोहन काव्या के ऊपर लन्ड डाल कर लेट गया।

काव्या को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो चुदाई की आदी हो, उसकी चूत सुनिधि से ढीली लग रही थी।
उसने सारी पढ़ाई घर से दूर रहकर की थी, शायद वही पर ढीली हो गई हो।

मोहन काव्या के सीने से चिपका रहा।
थोड़ी देर बाद मोहन ने कंडोम निकाला और बाथरूम में चला गया।
काव्या बिल्कुल नंगी बेड पर पड़ी हुई थी।

मोहन नहाकर कपड़े पहनने लगा।
उसने काव्या को उठाया लेकिन वो नींद में थी।

मोहन नीचे चटाई पर लेट गया।
थोड़ी देर बाद मोहन ने कहा- काव्या दीदी, उठिए! भाभी ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी।

काव्या खड़ी हुई उसकी गान्ड बिल्कुल कैमरे के सामने थी। चौड़ी सी और गोरी सी गान्ड थी।
उसने चड्डी पहनी और मोहन ने उसके ब्रा के हुक बन्द किए।
फिर वो वैसे ही अपने कमरे में चली गई।

सुनिधि से मैंने पूछा- तुमने ये वीडियो क्यों बनाए?
सुनिधि बोली- पिछले 2 महीने से ये सब चल रहा है। मैं तुम्हें बताना चाहती थीं कि काव्या एक नंबर कमीनी चुदक्कड़ है। मैं तुम्हें तुम्हारी बहन की करतूत दिखाना चाहती थी।

मैंने कहा- कोई बात नहीं … मैं मोहन को घर भेज दूंगा। ये सब किसी से मत बोलना वरना बदनामी होगी।
सुनिधि ने कहा- मोहन सीधा लड़का है। तुम अपनी बहन को भेज दो।

अगले दिन खाने की मेज पर सब लोग साथ बैठे थे।

मोहन और काव्या को देख उनकी चुदाई की नंगी वीडियो याद आने लगी।

काव्या से मैंने घर जाने के लिए कह दिया।
इससे काव्या तो शॉक हो गई, काव्या ने कहा- कंप्यूटर क्लास का पेपर है कुछ दिनों में!
मैंने कहा- ठीक है, उसके बाद चली जाना।
यह सुन सुनिधि का मुंह बन गया।

अगले दिन मैं फिर बाहर चला गया।
मैं सोचने लगा कि कव्या और मोहन का खेल जारी होगा।

कुछ दिन बाद जब मैं वापस घर पहुंचा तो देखा काव्या और सुनिधि बहुत प्यार से एक दूसरे के साथ बातचीत कर रही थी।
दोनों बहुत खुश थी।

मैंने रात को सुनिधि को नंगी कर चोदना शुरू किया।
आज सुनिधि के अंदर वैसा जोश नहीं था जैसा पहले हुआ करता था।

दस पंद्रह दिन बाद सुनिधि के अंदर गजब की फुर्ती रहती थी; वैसे वाली बात नहीं थी, वो तो बस लेटी थी, मैं उसको चोद रहा था।
उसके अंदर गर्मी नहीं बची थी।

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मैं चोदने के बाद उसके बगल में लेट गया; उससे बिना कुछ बात कर सो गया।

अगले दिन मैंने सुनिधि से कुछ बात नहीं की।
रात को भी सोने लगा।

सुनिधि समझ गई, उसने कहा- मैं समझ गई कि तुम क्यों परेशान हो!
मैंने कहा- तुम्हारे और मोहन के बीच कुछ हुआ है क्या? तुममें वैसी वाली गर्मी नहीं दिख रही।

सुनिधि ने कहा- तुम मेरे साथ इतने साल से हो। मैंने कभी किसी की तरफ नहीं देखा। तुमने होटल में खेल खेलने को बोला, मैंने वो भी किया। लगभग आधी नंगी होकर दूसरों को दिखाया और गर्म किया। मोहन के साथ तुम्हारी बहन रोज़ करवाती है। कंप्यूटर एग्जाम तो बहाना है, वो मोहन के साथ उसके कमरे में रोज़ पड़ी रहती है। तुम बाहर रहते हो, मेरी भी कुछ जरूरतें हैं। एक दिन अपने पर काबू नहीं रख सकी और जब काव्या कंप्यूटर क्लास गई थी, तब ये सब हो गया। मोहन के साथ दो तीन बार सेक्स किया है। लेकिन ये सब काव्या को नहीं पता है। अब तुम मोहन को वापस भेज दो। उसका यहां रहना सही नहीं है।

मैंने सोचा अब मोहन वापस भेज देना चाहिए।
तभी मैंने बुढ़िया को फोन कर बता दिया कि मोहन का ट्रेन का रिजर्वेशन करवा दिया है।

मोहन को 8 दिन बाद का टिकट मिला था।

रात को मैंने सुनिधि से कहा- मेरी होटल वाली इच्छा जागने लगी है। जब कल ऑफिस जाऊंगा। तब तुम मोहन के साथ का वीडियो रिकॉर्ड कर लेना। मैं उसको देखना चाहता हूं।
सुनिधि मेरी तरफ शॉक होकर देखने लगी।

मैंने कहा- इतनी बार तुमने मोहन के साथ मज़ा किया है। इस बार मैं देखना चाहता हूं। वीडियो रिकॉर्ड कर लेना। मोहन के जाने के बाद मैं देखूंगा। उसके बाद वो कभी नहीं आएगा।

कुछ दिन बाद मैंने सुनिधि को फोन कर पूछा- मोहन के साथ तुमने अपना वीडियो रिकॉर्ड किया?
सुनिधि ने कहा- काव्या को जब से पता चला है, वो कही नहीं जाती, मोहन के कमरे में लेटी रहती है।

मैं जानता था कि काव्या अपनी हसरत पूरी कर रही होगी।

सुनिधि से मैंने कहा- काव्या को उसकी सहेली के साथ मूवी देखने बाहर भेज दो।

तो सुनिधि ने दो बार काव्या को बाहर भेजा और वीडियो बनाकर मुझे भेजे।
मैंने उस वीडियो को देखकर हिलाया।

सुनिधि कैमरा खिड़की के पास लगा कर मोहन के पास जाती है। वह मोहन से मसाज करने को कहती है और अपने कपड़े उतार कर नंगी लेट जाती है।

मोहन सुनिधि की गांड पर तेल गिराता है, फिर मसाज करने लगता है।
सुनिधि सीधा लेट जाती है।

फिर वो सुनिधि के दूधों को रगड़ता है।

सुनिधि उससे उसके कपड़े उतारने के लिए कहती है।
मोहन कहता है- भाभी अभी रहने दीजिए। रात को काव्या दीदी के साथ तीन बार किया था।

सुनिधि जानती थी कि वीडियो रिकॉर्ड हो रहा है तो उसने कहा- सिर्फ एक राउंड करना।

इसके बाद सुनिधि ने मोहन के लन्ड को 4-5 मिनट तक चूसा होगा।

सुनिधि ने टाईट लण्ड को चूत पर लगाया। मुझे दिखाने के लिए वो हल्की हल्की आवाज निकालने लगी- आ आ आम्म … ई ई!
मोहन ने कुछ देर तक मेरी नंगी पत्नी को चोदा, फिर वहीं लेट गया।

ऐसा एक और वीडियो सुनिधि ने भेजा।

मोहन 8 दिन बाद अपने गांव चला गया। उसकी शादी एक साल बाद हो गई थी।

काव्या मोहन की दादी से मिलने और पुश्तैनी घर देखने 1 और 2 साल में जाती रहती थी; वहाँ कुछ दिन रुक कर आती थी।
बाद में उसकी शादी भी हो गई।
अब वो अपने पति के साथ में है।

मोहन को लगता होगा कि काव्या और सुनिधि के अलावा और किसी को कुछ नहीं पता।

सुनिधि मेरे साथ ही रह रही है।
हम दोनों होटल वाला खेल कभी कभी खेल लेते हैं।

अ न्यू Xxx कहानी आपको कैसी लगी?

 

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