दीदी जान ने चूत चुदवा कर जन्नत दिखाई – Muslim Sex Story

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Muslim Sex Story : मेरी शादीशुदा दीदी जान को चोदा जो की मुझसे दोगुनी उम्र की थी| एक बार वे हमारे घर आयी तो मैंने उन्हें चूत में उंगली करते देखा| उसके बाद दीदी जान को कैसे चोदा आगे पढ़े, दोस्तो, कैसे हैं आप सब!

मैं अब्दुल आप सबके लिए आज अपनी ज़िंदगी में हुई एक ऐसी घटना लिख रहा हूँ, जिसके बाद मेरी लाइफ बदल गयी थी| ये घटना, जिसमें एक भाई ने बहन को चोदा, आज से करीब एक साल पहले की है|

मैं घर से किसी काम से बाजार गया, तब मुझे फातिमा दीदी जान मिल गईं|फातिमा दीदी जान मेरी सगी बहन हैं और वो अपने पति और बच्चों के साथ मेरे ही घर जा रही थीं|

मैं उन सभी से मिला और पहले मैंने उनको घर तक छोड़ा और वापस बाजार चला गया| मेरी बहन करीब 28 साल की थी| उनकी शारीरिक बनावट और फिगर बहुत मस्त थी|

उन्हें खुद को सजा-संवार कर रखने का बहुत शौक था लेकिन जीजा जी बहुत दारू पीने लगे थे| मैंने अपनी मां से सुना था कि जीजा जी की इसी कमी के कारण दीदी जान और उनके बीच अक्सर झगड़ा हुआ करते थे|

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फिर दीदी जान रोकने लगी तो उससे मामला और भी बिगड़ने लगा था|ये सुनकर मुझे अपनी दीदी जान पर दया आती थी| हालांकि वो मुझसे उम्र में बड़ी थीं| खैर… अब वापस कहानी में आते हैं|

मैंने सबको बिठा कर खाना लाने गया और सबने खाना खाया| खाने के बाद फातिमा दीदी जान ने मेरी ओर देखा और बोलीं,अब्दुल तुम तो काफी बड़े हो गए हो|

मैंने कहा,दीदी, जान बस आपका सभी का मेहरबानी से मै ठीक हूं|फातिमा दीदी जान,वो तो हमेशा तुम्हारे साथ है… मेरे प्यारे भाई जान|फिर हम दोनों इधर उधर की बातें की|

उसके बाद मैंने दीदी जीजा और बच्चों को रहने की व्यवस्था की और अपने कमरे में सोने चला गया| रात को करीब 2 बजे किसी ने मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाया|

मैं सोचने लगा कि इस वक्त कौन आया होगा| पर आवाज जीजा जी की आयी, तो मैंने दरवाजा खोल दिया|जीजा जी मुझसे बोले,अब्दुल मैं शराब की बोतल लेकर आया हूँ

अगर तुमको परेशानी ना हो तो मैं इस कमरे में पी सकता हूँ?मैं,हां जीजा जी, क्यों नहीं, आइए ना|दोस्तो, मैंने आज तक शराब को हाथ तक नहीं लगाया था पर जीजा जी की जिद के कारण मुझे पीना पड़ा|

चूंकि ये मेरा पहली बार था इसलिए कम शराब में ही मुझे नशा ज़्यादा हो गया| लेकिन जीजा जी फुल मस्ती और नशे में आ गए थे, वो इतने ज्यादा टुन्न हो गए थे कि उनसे चला भी नहीं जा रहा था|

मैं उनको उनके कमरे के गेट तक ले गया जहां पर फातिमा दीदी जान पहले से ही काफी गुस्से में खड़ी थीं पर मुझे देख कर वो कुछ नहीं बोलीं| मैं जीजा जी को अन्दर बिस्तर पर लिटा कर वापस जाने लगा |

तो दीदी जान को मुझ पर भी कुछ शक हुआ|वो मुझसे बोलीं,अपने जीजा जी के साथ तुमने भी शराब पी है क्या?मैं,हां दीदी जान थोड़ी सी पी ली|फातिमा दीदी जान,नहीं पीनी चाहिए थी|

तुम अपने जीजा जी के जैसे मत बनो, इन्होंने शराब पी पीकर अपना शरीर खराब कर लिया है|मैं,सॉरी दीदी जान आगे से ऐसा नहीं करूंगा|दीदी जान,कोई बात नहीं आगे से ख्याल रखना|

खैर… ये सब छोड़ो, अब तुम जाओ और आराम करो| तुमने आज बहुत मेहनत की है|मैं,ठीक है दीदी जान|दोस्तो, मैं वहां से अपने कमरे की तरफ चल दिया लेकिन मैं भूल से मैं अपना फोन वहीं भूल गया|

मैं फोन लेने वापस गया तो मुझे कुछ आवाज सुनाई पड़ी| मुझे लगा जीजा दीदी जान को चोद रहे हैं, पर जब वहां जाकर देखा नज़ारा कुछ और ही था|

जीजा जी सो रहे थे और दीदी जान अपनी नाईटी कमर तक ऊपर करके अपने एक हाथ की उंगली से अपनी चूत में अन्दर बाहर करके मजा ले रही थीं|

उस समय उनके नाईटी से उनका एक चूची बाहर निकला हुआ था| इतना सुंदर दृश्य देख कर मेरे अन्दर वासना जग गयी|मेरा मन किया कि कमरे में जाकर अपनी सगी बहन चोद दूँ|

लेकिन मैंने खुद को संभाला और दरवाजे पर धीरे से ठोका| दीदी जान दरवाजे पर दस्तक सुन कर घबरा गईं और जल्दी-जल्दी नाईटी नीचे करके दरवाजा खोलने आ गईं|फातिमा दीदी ,क्या हुआ?

मैं,दीदी जान, मैं जीजा जी के पास अपना मोबाइल भूल गया था|दीदी जान,अच्छा ठीक है, ले लो|मैंने रूम के अन्दर आकर अपना मोबाइल लिया और वापस जाने लगा|

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मैंने ध्यान दिया कि दीदी जान जल्दी जल्दी में अपनी दोनो बूब्स को अन्दर करना भूल गयी थीं| मैं उनकी चूची के तरफ देख कर मुस्करा दिया| जिस पर दीदी जान ने अपने चूची की ओर देखी… फिर जल्दी से सही कर लिया|

दीदी जान शर्माती हुई बोलीं,वो कभी कभी सोते समय खुल जाता है|मैं,कोई बात नहीं दीदी जान वैसे भी जब कमरे से बाहर था, तो बहुत प्यार करने जैसी आवाजें आ रही थीं|

फातिमा दीदी जान हंस कर बोलीं,चल भाग बदमाश… तू सही में बड़ा हो गया है| चल अब जा और सो जा!मैं हंसते हुए अपने कमरे में चला गया और कमरे में आकर कब सो गया, पता ही नहीं चला|

सुबह मेरी नींद देर से खुली तो पता चला कि दीदी जान और जीजा जी बच्चों के साथ अपने घर चले गए| उनके ऐसे जाने से मैं काफी हैरान था|फिर मुझे पता चला कि उनके परिवार में किसी की तबियत खराब थी|

इसलिए उन्हें जाना पड़ा| ऐसे ही समय बीतता चला गया| मैंने एक सोशल साइट जॉइन की थी| उसमें बहुत सारे ग्रुप थे, मैं उधर आई हुई पोस्ट के कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करता था|

ऐसी एक पोस्ट पर मुझे एक लड़की नूर मिली| मैं उससे बातें करने लगा| मैंने पहले पोस्ट पर कमेंट किया, उसका जवाब आया तो हम दोनों इनबॉक्स में आकर बातें करने लगे|

धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे से काफी देर देर तक बातें करने लगे| |पहले जो बात 1-2 मिनट की बात हुआ करती थी|अब वो घंटों तक होने लगी मैं अपना नंगा फोटो भेजता और उधर से नूर भी अपनी भेजती|

एक रात उससे बात करते हुए मैंने उसको फुल फोटो भेजो बोला दिया| वो उस रात बिना जवाब दिए ऑफलाइन हो गयी|मुझे लगा कि शायद उसे बुरा लगा है और वो मुझसे बात करना छोड़ देगी|

पर तकदीर को कुछ और ही मंजूर था| उसने मुझसे 2 हफ्ते बात नहीं की थी| मैं यहां परेशान था कि उससे बात क्यों नहीं हो रही है| फिर एक दिन जीजा जी का फ़ोन आया कि फातिमा दीदी हमारे घर मिलने आ रही हैं|

दीदी जान के आने की सुनकर मेरे मन में उस रात का दृश्य याद आने लगा था |कि कैसे दीदी जान की चूची नंगी बाहर निकल रहा था| पर उस बात को बहुत समय हो चुका था, इसलिए मैं भूल गया था|

दीदी जान घर आईं… उन्होंने कुछ देर आराम किया और शाम को छत पर आ गईं|मैं भी छत पर था तो दीदी जान मुझसे बात करने लगीं|फातिमा दीदी,राहूल मेरा एक काम कर देगा?

मैं,हां दीदी जान बोलिए ना|फातिमा दीदी,मेरा मोबाइल खराब हो गया है, तू उसको ठीक करवा देगा?मैं,हां ठीक है दीदी जान आप मोबाइल दे दो|मैं दीदी जान से मोबाइल लेकर बाजार चला गया|

वहां दुकानदार ने बोला कि वो मोबाइल कुछ मिनट में ठीक कर देगा… उसका चार्जिंग शॉकिट खराब हुआ है|जैसे ही मोबाइल ठीक हुआ, मैंने घर आकर दीदी जान को मोबाइल दे दिया और अपने कमरे में चला गया|

रात के समय खाना खाने के बाद मैंने सोशल साइट चैक की|तो देखा कि नूर ने मेरे प्रपोजल के जवाब में हां लिखी थी और अपनी चूत की फ़ोटो भेजी थी क्या चूत थी एक मोटी होल के दोनो तरफ़ लटकी हुई चमरी चार चांद लगा रही थी|

उसने ये भी लिखी थी कि आज रात को जल्दी मत सोना, मैं 11 बजे तुम्हें मैसेज करूंगी| मैंने ओके लिख दिया| मुझे नूर से फिर से बात करने की बड़ी ख़ुशी थी|

मैं रात के 11 बजने का इंतज़ार करने लगा था| रात को 11 बजे उसका मैसेज आया लेकिन तभी फातिमा दीदी जान मेरे रूम में आकर बैठ गयी|फातिमा दीदी,क्या कर रहा है?

मैं,मैं कुछ नहीं|फातिमा दीदी,कुछ तो कर रहा है, चल अपना मोबाइल दिखा|मैं,नहीं, ये अभी डिस्चार्ज है|फातिमा दीदी,मोबाइल डिस्चार्ज है या नूर के मैसेज का इंतजार है|

दीदी जान ने हंसते हुए ऐसा बोली तो मैं सनाका खा गया| उनकी इस बात से मैं बड़ा हैरान था क्योंकि मेरे और नूर के बारे में कोई नहीं जानता था| फिर दीदी जान अपना फोन उठाई और कुछ लिखी|

तभी मेरे फ़ोन में नूर का मैसेज आ गया|नूर,क्यों रह गए न हैरान?दोस्तो, मुझे समझते देर नहीं लगा की नूर और कोई नहीं, बल्कि फातिमा दीदी ही हैं|इधर दीदी जान मुझे देख कर फिर से हंस दीं|

फातिमा दीदी,क्यों मेरे मासूम राजा… अपनी नूर के पति बनोगे?मैं लजा गया और मैंने अपना सर झुका लिया|फिर दीदी जान शांत होकर बोलीं,कोई बात नहीं अब्दुल इस उम्र में ऐसा हो जाता है|

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लेकिन तुमने अपनी प्रोफाइल में अपनी फोटो भी लगा रखी थी|ये सुनकर मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ और मैं खुद को कोसने लगा|फातिमा दीदी,क्या हुआ… चुप क्यों हो गया?

मैं,पर दीदी जान आपने ऐसा क्यों किया और फेक नाम से एकाउंट क्यों बनाया?फातिमा दीदी,मैंने तो टाइम पास के लिए बनाया था, पर तुम मिल गए तो सोचा तुम्हारे साथ मस्ती कर लूं|

मैं,पर दीदी जान आपने आपने जो नंगी फोटो भेजे थे वो किसका था?फातिमा दीदी,हां, वो फोटो मेरी ही थी और हा मैंने तुम्हें मना नहीं किया है| तुम मेरे बॉयफ्रेंड बन सकते हो, बस सबके सामने बहन हूँ|

अकेले में मैं तुम्हारी नूर हूँ| मुझे जैसा तुम चाहो वैसा प्यार करो?ये कह कर दीदी जान ने अपनी एक आंख दबा दी| उनकी इस बात को सुनते ही और उनकी दबी हुई आंख का इशारा समझते ही मैंने उन्हें अपनी बांहों में खींच लिया|

फातिमा दीदी,पागल, अभी नहीं… मैं एक घंटे बाद आती हूँ… फिर तुम अपनी प्रेमिका से जितना चाहे प्यार कर लेना|ये बोलकर वो कमरे से बाहर चली गईं| मैंने एक घंटे तक दीदी जान के आने का इंतजार किया| पर वो नहीं आईं|

मैंने उनको मैसेज किया तो बोलीं,अरे यार तेरे जीजा जी की कॉल आ गयी थी| उनसे बात करने लगी थी| मैं बस आ रही हूँ|अब मैं दीदी जान के आने के इंतजार में था|

मैं अपने कमरे में ही था तो बेड से उठकर कुर्सी पर बैठ गया| कुछ समय बाद दीदी जान दरवाजे पर आकर खड़ी हो गईं| कमरे का दरवाजा खुला हुआ था और मैं दीदी जान के आने का इन्तजार कर रहा था|

फातिमा दीदी मुस्कुराती हुई बोलीं,लो आ गयी तुम्हारी नूर और मुस्कुरा दी|मैं अपनी कुर्सी से उठा और दीदी जान के सर के पिछले हिस्से पर हाथ रखते हुए उनके माथे पर किस करते हुए होंठों को चूमने लगा|

दीदी जान कमरे के अन्दर आ गईं और मैंने दरवाजे को लॉक कर दिया| मैंने दीदी जान को अपने बिस्तर पर लिटा दिया और बिना रुके उनके शरीर के हर हिस्से को चूमने लगा|

दीदी जान भी मस्ती में थीं और वो मेरा साथ दे रही थीं| मैंने दीदी जान की नाईटी खोल दिया और उनके एक स्तन के निप्पल को अपनी जीभ से कुरेद कर अपने होंठों में दबाकर चूसने लगा|

साथ ही दीदी जान के दूसरे स्तन को अपने हाथ से मसलने लगा|मेरे इस प्रहार से फातिमा दीदी की सिसकारियां तेज हो गईं| उनके आनन्द भरे स्वरों की तीव्रता से उनकी मस्ती की जानकारी साफ़ समझ आ रही था|

दीदी जान की प्यास उनकी मीठी आहों और कराहों से उजागर होने लगी थी|मैं ऐसे ही 5 मिनट तक दीदी जान के दोनों स्तनों को बारी बारी से चूसता मसलता रहा| अब बारी थी दीदी जान की चूत का मजा लेने की|

जो की मैं फोटो में देखा था, आज रीयल लाइफ में देखा| मैं उनके पैरों के बीच में आ गया और उनकी नाभि को अपनी जीभ से चाटते हुए नीचे आने लगा| मैं दीदी जान की एक जांघ पर आ गया था|

दीदी जान की हालत खराब हो रही थी|वो उत्तेजित अवस्था में मुझे बार बार बोल रही थीं,अब्दुल मत तड़पा मुझे|मैंने धीरे से दीदी जान की चिकनी चूत पर अपनी जीभ से छुआ |

तो वो एकदम से तड़प उठीं और उसी पल उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया| मैंने बहुत प्यार से दीदी जान की चूत को चूसते हुए सारा रस चाट लिया| दीदी जान की चूत का रस नमकीन था |

मुझे वासना के नशे में वो अमृत सा लग रहा था|मैं दीदी जान की चूत को पूरी तरह खोल के चाट रहा था| उनकी चूत की चमड़ी को पकड़ के दोनो तरफ खोल दिया और होल में जीभ अन्दर घुसा दिया|

दीदी जान की चूत से सारा रस चाट लेने के बाद भी मैं दीदी जान की चूत को चूसता रहा|चूत चटवाने में दीदी जान को भी मजा आ रहा था और वो अपने हाथ को मेरे सर पर रख कर मेरा साथ दे रही थीं|

मेरी बडी बहन की चूत फिर से गर्म हो गई थी और अब वो मेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तैयार थीं|उन्होंने कहा,अब्दुल अब क्या चाट चाट कर ही मजा लोगे या मुझे चोदोगे भी?

ये सुनकर मैंने दीदी जान के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिए और उनकी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा|मेरे लंड को रगड़ने से वो और तड़फ उठीं और गांड उठाने लगीं|

मैंने उसके ऊपर पोजीशन बनाई और एक करारा झटका दे मारा| मेरा लंड चूत के चिथड़े उड़ाता हुआ अन्दर घुस गया| लेकीन दीदी जान चीख नही बल्कि उन्होंने अपने दोनों हाथों से मुझे अपनी ऊपर खींचने का प्रयास किया |

पर मैंने फिर से एक जोरदार झटका मार दिया|इस बार उन्होंने मुझे छोड़ कर तकिया को पकड़ लिया और अपने दांत भींच कर मेरे लंड का मजा अपनी बचेदानी तक महसूस करने लगीं|

मैंने पूरा लंड चूत के अन्दर तक पेला और एक पल रुक कर दीदी जान की चूत चुदाई की स्पीड बढ़ा दी|इससे उनको और मजा आने लगा और वो मेरे 8-10 झटकों में ही झड़ने को हो गईं|

उनकी अकड़न इस बात का मुजाहिरा कर रही थी कि दीदी जान की चूत से रस छोड़ने की कगार पर थी| वो झड़ गईं तो चूत रसीली हो गई| अब मेरा लंड सटासट अन्दर बाहर होने लगा था|

मैं दीदी जान की चूत में लंड आगे पीछे करता हुआ अपने होंठों से कभी उनके होंठों को चूमता, तो कभी निप्पल पकड़ कर खींच लेता| इस तरह की चुदाई से दीदी जान फिर से गर्मा उठीं |

इससे उनको सेक्स का मजा दुगना मिलने लगा|अब वो नीचे से अपनी गांड उठाकर मेरा साथ दे रही थीं|कुछ झटकों के बाद मैंने उन्हें अपनी गोदी में उठा लिया|

अपनी दीदी जान को झूला झुला के चोदने में क्या मजा आता है आज पहली बार मैं जाना दीदी जान भी अपनी दोनो टांगे मेरे कमर में लपेट ली थी और ऊपर नीचे होने लगी थी|

इस तरह से चुदाई में दीदी जान का मुँह मेरे सामने था| मैं उनके नितम्बों को अपनी हथेलियों से उठाता हुआ चूत में लंड चलाने लगा और होंठों को चूसने लगा| दीदी जान ने अपनी जीभ मेरे मुँह में दे दी |

इससे लंड एकदम से खौल उठा और मुझे चुदाई की इस विधि से भरपूर मजा आने लगा| कुछ ही देर में हमारी चुदाई चरम पर आ गयी थी| मेरा पानी निकलने वाला था|

मैंने मुँह से मुँह हटाया और दीदी जान से पूछा,वीर्य कहां निकालूं?उन्होंने कहा,अन्दर ही निकाल दो|मैंने 5-6 झटकों में अपना सारा माल दीदी जान की चूत में निकाल दिया|

वो झड़ कर मेरी बांहों में ही झूल गईं और मैं उन्हें अपने आगोश में लिए लंड खाली करता रहा| कुछ पल बाद मैं उन्हें बिस्तर पर गिरा दिया और उनकी चूत से लंड निकाल कर उनके बगल में लेट गया|

मैं दीदी जान के बालों को सहला रहा था| एक मिनट बाद दीदी जान मेरी बांहों में आकर मुझे चूमने लगीं| दोस्तो, मैंने इससे पहले भी कई बार लड़कियां चोदी थीं, पर जो मज़ा फातिमा दीदी जान के साथ चुदाई करने में आया था|

वो कभी किसी के साथ नहीं आया था|फातिमा दीदी के चुंबनों से मेरे लंड में फिर से जान आने लगी और वो फिर से खड़ा हो उठा| दीदी जान ने मेरे लंड को खड़े होते देखा तो वो मेरे साथ फिर से चुदने के लिए तैयार हो गईं|

मैंने इस बार उन्हें सीधा लिटा दिया और उनकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा|जब दीदी जान की चूत के दोनो नर्म चमरी से जब मेरी जीभ छूई, तो जो सिसकारियां उनके मुँह से निकल रही थीं|

वो मेरे अन्दर एक नया जोश पैदा कर रही थीं| मैंने उन्हें अपने ऊपर खींचा तो उन्होंने समझ लिया कि मेरा क्या मन है|वो भी मेरे लंड को पकड़ कर उसे अपनी चूत में सैट करने लगीं|

मैं अपनी दीदी जान को अपने लंड पर बिठा कर उन्हें खड़े लंड की सवारी करवाने लगा| वो मेरे लंड पर चूत फंसाए थिरक रही थीं और नीचे से लंड के धक्के खा रही थीं|

दीदी जान के दोनों स्तन हवा में उछल रहे थे| अपनी सगी बहन को अपने लंड पर बिठा कर चुदाई का अहसास और हवा में झूमते हुए उनके मम्मे मुझे मस्त कर रहे थे|

ऐसा मनमोहक दृश्य कोई देखता, तो पक्का मुठ मार लेता| पर आज मेरी बहन मेरे लंड पर बैठकर मुझे चरम सुख प्राप्त करवा रही थी|

फातिमा दीदी सदीसुदा थी और उनकी चुदवाने की तरीका किसी भी मर्द को अपने बस में कर लेती दीदी जान धीरे धीरे मेरे लंड को ले रही थी क़रीब 20 मिनट बाद मैंने कुछ धक्के लगा कर उन्हें वापस बिस्तर पर लिटा दिया |

उनके ऊपर चढ़ गया|वो मेरे हर धक्के में साथ जरूर दे रही थीं पर उनका चेहरा बता रहा था कि अब वो थक चुकी हैं| मैंने घड़ी की तरफ देखा तो सुबह के 3 :40 हो गए थे|

अब मैंने देर ना करते हुए अपने झटके तेज कर दिए| इस बार हम दोनों एक साथ डिस्चार्ज हुए| फातिमा दीदी के चेहरे पर एक अलग खुशी दिख रही थी|

वो बिस्तर से उठीं, पर वो इतना थक चुकी थीं कि ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थीं|मैने दीदी जान को बोला दीदी जान मेरे लंड को साफ तो कर दो दीदी जान मुस्कुराते हुए पलट गई |

मेरे लंड को चाट चाट के साफ कर दी| मैंने दीदी जान को कपड़े पहनाए| तभी दीदी जान मेरे कमरे से निकल कर अपने कमरे चली गईं| सारा दीन कुछ नहीं हुआ शाम को मैंने उन्हें फिर से अपने कमरे में आने का कहा|

मैं,दीदी जान आज आना जरूर?फातिमा दीदी हंसती हुई बोलीं,चलने लायक छोड़ा नहीं… और आज बोल रहा है कि आना जरूर अब तो चोद लिया अब क्या है…

मैंने पूछा,दीदी जान आपको मजा आया या नहीं?वो आंख दबाती हुई बोलीं,जिन्दगी में पहली बार इतना मजा आया|मैं उन्हें अपनी बांहों में खींच कर किस करने लगा|

दीदी जान भी मेरा साथ देने लगीं, पर दीदी जान की चूत में चींटी रेंगने लगी| मैंने सिर्फ किस किया और दीदी जान के दोनों चूची चूसे| फिर उन्हें अपनी बांहों में समेट लिया|

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नीचे हाथ से लंड को दीदी जान की चूत में सेट किया और एक जोरदार धक्का दिया मेरा जोश और जुनून इतना था की मेरे से दोगुना दीदी जान को पानी पिला दिया|

धीरे धीरे क़रीब एक घंटा चोदा दीदी जान 3बार झर गई थी लेकिन मै दीदी जान को चोदे जा रहा था|दीदी जान अब थक गई थी लेकिन सोच रही थी कि अब्दुल झर जाए बार बार दीदी जान मेरे ओर देख रही थी |

लेकिन मैं दीदी जान को स्लोव मोसन में चोद रहा था जब मुझे लगता था कि मैं झड़ने वाला हूं तभी एक जोरदार धक्का लगा के दीदी जान की पेट तक लंड घुसा देता और दीदी जान को चूसने चूमने लगता|

थोड़ी देर बाद भी जब दीदी जान को लगा कि अब्दुल अब इतना जल्दी नहीं करेगा तब दीदी जान मेरे ओर देखी मै मुसकुरा दिया दीदी जान भी मुस्कुराई और शर्मा गई|

तुरन्त मेरे मूंह में अपनी जीभ अन्दर घुसा दी और अपनी कमर हिलाने लगी थोड़ी देर में हम दोनो झरने लगे मेरे लंड से लगातार 8पिचकारी मारी दीदी जान मेरे ऊपर लेट गई तो दोस्तो बाकी कहानी आगे के भाग में पढ़ना|

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