रूम पार्टनर की हॉट सेक्स माँ को चोदा – Aunty ki Chudai

Aunty Ki Chudai Story

Sex Story

आंटी सेक्स कहानी मेरे रूम मेट, मेरे दोस्त की मम्मी की चूत और गांड चुदाई की है. वे विधवा था और कुछ दिन हमारे साथ रहने आई थी. आंटी ने खुद पहल करके मुझे सेक्स के लिए गर्म किया.

दोस्तो, मैं विक्रम राय आज बहुत दिनों के बाद अपनी एक नई हॉट सेक्सी रियल चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ.

ये सेक्स कहानी मेरे और मेरे रूम पार्टनर की मां के बीच की चुदाई के बारे में है.

मेरी उम्र 24 साल है और मेरे लंड का साइज सामान्य से काफी बड़ा है.

मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ, पर जॉब के लिए मुम्बई में अपने एक दोस्त के साथ रहता था. उसका नाम रोहन है.

ये आंटी सेक्स कहानी 2 महीने पहले की है, जब उसकी मां आकांक्षा मुम्बई घूमने आई थीं.

उनकी उम्र 42-44 साल की होगी पर दिखने में वे 32-33 साल से ज्यादा की नहीं लगती थीं.

आंटी का फिगर भी 34-30-36 का था और ऐसा मस्त कांटा माल जैसा बदन कि किसी का भी लंड खड़ा कर दे.
वे विधवा हो गई थीं मगर उनके रहन-सहन से ऐसा नहीं लगता था कि वे विधवा स्त्री हैं.
हालांकि सूनी मांग देखकर समझ में आ जाता था कि आंटी को लंड की खुराक मिलना बंद हो गई है.

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एक तरह से उनका गदराया हुआ बदन देखकर ही किसी भी मर्द को उनके साथ सेक्स करने का जी हो उठता था और जब उस मर्द की नजर आंटी की सूनी मांग पर जाती थी तो समझिए उसकी आंखें गिद्ध की तरह से मांस के लोथड़े पर टिक जाने जैसी हो जाती थीं.

जब पहली बार मैंने आंटी को देखा था तो मैं एक बार को तो जैसे बुत सा बन गया था और आंटी को एकटक देखने लगा था.

आंटी को शायद मर्दों की वासना भरी नजरों की पहचान थी, तो उन्होंने भी उसी समय अपने दोनों हाथों को अपने बालों पर ले जाते हुए अपने दोनों ठोस दूध के लोटे मुझे दिखाए थे.

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उस पर आंटी के हाथों ने बाल संवारने के लिए मम्मों को जुंबिश दी तो मेरे लौड़े ने फन फैलाना शुरू कर दिया.

आंटी ने अपने बालों में लगी हेयर पिन को निकाल कर अपने दांतों में दबा लिया और मेरी पैंट में लंड की जगह बनती पहाड़ी पर अपनी नजरें टिका दीं.

चूंकि उस समय तक मुझे मालूम ही नहीं था कि आंटी के मन में क्या चल रहा है इसलिए मैं खुद को असहज महसूस करने लगा और अपने खड़े होते लंड को कोसने लगा.

उसी समय आंटी ने मुझसे बात करना आरंभ कर दी और मैं भी उन्हें आंटी जी कहते हुए उनके सवालों का जवाब देने लगा.

कुछ देर बाद मेरा दोस्त विक्रम मुझसे अपनी मां को मुंबई घुमाने को लेकर चर्चा करने लगा और हम दोनों ने मिलकर एक प्रोग्राम सैट कर लिया कि किधर पहले जाना चाहिए और किधर बाद में जाना चाहिए.

आंटी जी दो दिन मेरे और रोहन के साथ मुम्बई घूमी.

मैं उन्हें आंटी बोल कर अपनी उत्तेजना को शांत करने की कोशिश करता रहता था.
जबकि आंटी के चेहरे की मुस्कान और आंखों की चंचलता मुझे बौरा रही थी.

तीसरे दिन विक्रम को काम की वजह से मुम्बई से बाहर जाना था तो उसने मुझसे कहा- मेरी मां का ख्याल रखना.

मुझे भी आफिस से दो दिन की छुट्टी थी तो मैंने कहा- हां, मैं आंटी को मुम्बई घुमा दूंगा.
पर मुझे क्या पता था कि मुझे आंटी की चूत में अपना लौड़ा घुमाने को मिलेगा.

दोस्त चला गया.

हम दोनों लोग उस दिन शॉपिंग के लिए गए.
तो आंटी ने खुद के लिए कुछ ब्रा पैंटी ले लीं और साथ ही एक नाइटी खरीद ली.

यह सामान्य सी नाइटी थी तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

फिर उन्होंने एक बहुत सेक्सी नाइटी देखी और मुझसे उसे देखने के लिए कहा.

मैंने उस नाइटी को देख कर कहा- हां अच्छी लग रही है, क्या आपको पसंद है?
आकांक्षा आंटी ने कहा- हां.

मैं- मुझे लगता है, आपको मॉडर्न लाइफ अच्छी लगती है!
आकांक्षा- हां बहुत, पर अब इस उम्र में कैसे कुछ कर सकती हूँ और बेटा भी जवान हो गया है तो अच्छा नहीं लगता.

मैं- अभी दो दिन तक आपका बेटा मुंबई में नहीं है, तो आप अपनी लाइफ एन्जॉय करो.
आकांक्षा- अगर उसको पता लगा तो उसको बहुत बुरा लगेगा.

मैं- उसको नहीं पता चलेगा. अभी जब तक वह नहीं है आप मुझे अपना दोस्त समझो और सब वह काम करो, जो आपको खुशी देते हैं.
आकांक्षा- पर उसमें …

मैं- अगर पैसे की कोई बात है, तो मैं दे देता हूँ. आपको अपनी लाइफ जीने का पूरा हक़ है. आपकी उम्र की लड़कियां तो दूसरी शादी भी कर लेती हैं.

फिर उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- ठीक है, मैं ये नाइटी ले लेती हूँ और इसे घर चलकर चैक करूँगी. अगर अच्छी लगी तो मैं दो दिन तक …
आधी बात कह कर आंटी शरमा गईं.

मैं- शर्माओ मत, खुल कर बोलो.
आकांक्षा- मैं तुम्हारे साथ अपनी लाइफ एन्जॉय करूँगी.

मैं- मैं समझा नहीं?
आकांक्षा आंटी इठला कर बोलीं- समझ जाओगे.
मैं- ठीक है.

अब मैंने आंटी को कुछ वेस्टर्न ड्रेस, हॉट नाइटीज और सेक्सी बिकिनी लेकर दे दीं.

फिर हम दोनों अपना सारा सामान लेकर घर आ गए.

घर पर आकर उन्होंने पहले मुझे एक जीन्स और टॉप पहन कर दिखाई.

उसमें आंटी की गांड और बूब्स मस्त टाइट लग रहे थे.
मैं बस उन्हें घूर कर देखता रहा.

वे मेरे पास आईं और बोलीं- मैं कैसी दिख रही हूँ?
मैंने कहा- मस्त मॉडर्न एक्ट्रेस जैसी.

आकांक्षा आंटी- अभी बहुत कुछ पहनना बाकी है, दिखाऊं क्या?
मैंने कहा- नेक काम में देरी कैसी, जल्दी से दिखाओ.

उन्होंने हंस कर कहा- ओ के, आती हूँ.

फिर वे अन्दर गईं और गुलाबी रंग की एक बेबी डॉल नाइटी पहन कर बाहर आईं.
उसमें से उनके आधे बूब्स और गांड साफ नजर आ रही थी.

मैंने कहा- ओ माय गॉड … आप तो बहुत हॉट लग रही हो!
‘ये सब तुम्हारे लिए ही है.’

ये कहती हुई आंटी मेरे होंठों के पास आ गईं और उन्होंने अपने होंठ आगे कर दिए.

वे वासना भरी आवाज में बोलीं- तुमने कहा था न कि जो भी मुझे पसंद है, सब करूं, तो …
मैंने कहा- तो?

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तो वे बोलीं- मैं 5 साल से प्यार पाने के लिए तड़प रही हूँ. रोहन के पापा के जाने के बाद से क्या तुम आज …
इतना कह कर वे चुप हो गईं.

मैंने आंटी के होंठों पर किस किया और आप से तुम पर आते हुए कहा- तुमको आज मैं वह हर खुशी दूंगा, जो तुम चाहो!

आकांक्षा आंटी- तो मेरी नाइटी हटाओ और मुझे प्यार करो!
मैं आंटी के बूब्स दबाने लगा और उनकी नाइटी को उतार दिया.

अन्दर आंटी ने बहुत हॉट ब्रा पैंटी पहनी थी.

मैंने उन्हें अपनी ओर खींचा और सीने से चिपका कर किस करने लगा.
मैं आंटी के होंठ और गले को चूमने लगा.

आकांक्षा आंटी- अअह … आज मैं तुम्हारी हूँ … जो चाहे करो.

मैंने उन्हें गोद में उठाया और बेड पर लाकर पटक दिया.
उन्हें ब्रा पैंटी में चुदने के मचलते हुए देख कर मैं अपने कपड़े उतारने लगा.

आंटी भी अपने होंठों पर जीभ फिराती हुई अपने दूध मसल रही थीं और मेरी तरफ वासना से देख रही थीं.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उन्हें किस करने लगा.
वे भी मेरा साथ दे रही थीं.

मैंने चूमते और सहलाते हुए आंटी की ब्रा को उतार दिया और उनके दोनों दूध बारी बारी से पीने लगा.

वे कामुक सिसकारियां ले रही थीं ‘उउम्म आहहह उफ्फ्फ …’

थोड़ी देर दूध पीने के बाद मैंने अपना लंड आंटी के होंठों पर रख दिया.
वे मेरे लौड़े का टोपा चाटने लगीं.

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मैंने उनके बाल पकड़े और अपना पूरा लंड आंटी के मुँह में घुसा दिया, फिर उनके बाल पकड़ कर उनके मुँह में लौड़े को अन्दर बाहर करने लगा.

वह ‘उगुऊन्नं गुऊँन्न …’ की आवाज़ निकाल रही थीं.
मेरा पूरा लंड आंटी के मुँह में होने की वजह से वे सही से बोल भी नहीं पा रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाला और उनकी पैंटी उतार कर फेंक दी.

आंटी एकदम नंगी मेरे सामने चित लेटी थीं.
उनकी चूत जामुनी रंग की थी और एकदम चिकनी थी.

मैं आंटी की चूत चाटने लगा.

थोड़ी देर तक चूत चाटने के बाद आंटी ने कहा- अब अपना लंड डालो मेरी चूत में … मुझसे रहा नहीं जाता.

मैं आंटी की चूत के ऊपर अपना लंड फेरने लगा.
वे गांड हिलाती हुई बोलीं- प्लीज, मुझे और मत तड़पाओ, जल्दी से डाल दो न मेरी चूत में. जल्दी से अपना लंड डाल कर इसे शांत करो.

मैंने एक जोरदार धक्का मार कर अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
वे चीख उठीं- आआहह … आराम से चोद साले … पांच साल से इस चूत में उंगली भी नहीं गई है.

मैंने आंटी की बकवास को अनसुना किया और जोर जोर से उनकी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.

वे कराहने और रोने लगीं … और रोते रोते ‘आआह अअहह उम्म …’ की आवाज़ें निकालने लगीं.

मैं समझ गया कि आंटी को चुदवाने में मज़ा आने लगा है.
तो मैं अब उन्हें और जोर से चोदने लगा.

फिर मैं लंड चूत से निकाल कर चित लेट गया और आंटी को अपने लौड़े के ऊपर बैठा लिया.
मैंने हाथ से पकड़ कर अपना लंड आंटी की चूत में डाल दिया.

वे मेरे लौड़े पर बैठती चली गईं और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया.

वह पहले तो दर्द से कराहती हुई लंड से उठने को हुईं.
पर बाद में वे भी मज़े ले लेकर ऊपर नीचे होने लगीं और कामुक सिसकारियां लेने लगीं.

करीब 15 मिनट के बाद वे बोलीं- मैं झड़ने वाली हूँ.
मैंने उनको लंड पेले हुए ही बेड पर पटक दिया और उनके दोनों पैरों को पूरा ऊपर करके अपना पूरा लंड अन्दर ठांस दिया.

वे कराहने लगीं मगर मैं बिना कुछ सुने आंटी की चूत में जोर जोर से लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

जल्द ही वे झड़ गईं और मुझसे बोलीं- आह मैं झड़ गई … अपना लंड बाहर निकालो.

मैंने कहा- मैं कहां निकलूँ?
वह बोलीं- मेरे मुँह में.

मैंने अपना लंड निकाल कर आंटी के मुँह के पास कर दिया और अपना लंड हिलाने लगा.

थोड़ी देर में आंटी के मुँह और मम्मों पर मैंने अपना पूरा माल गिरा दिया.

उन्होंने लौड़े को जीभ से चाट कर पूरा माल साफ कर दिया.

आंटी सेक्स के बाद हम दोनों वैसे ही बेड पर लेट गए और काफी देर तक वैसे ही पड़े रहे.

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उसके बाद हम साथ नहाए.
नहाते टाइम भी हम दोनों ने चुदाई की.

जैसे ही वाशरूम में गए, मैंने आंटी के बूब्स और चेहरे पर जो मेरा माल लगा था, पहले उसे धोया और साफ करके आंटी को किस करने लगा.
वे भी मेरा लंड अपने हाथों से सहला रही थीं.

मैंने आंटी की चूत चाटना शुरू की और वे भी टांगें फैला कर बहुत मजे से चूत चटवाने लगीं.

मैंने उनकी टांगों को ऊपर किया और उन्हें गोद में उठा कर अपना लंड उनकी चूत में सैट कर दिया.
अब मैं आंटी को लंड पर उछाल उछाल कर चोदने लगा.

उसके बाद मैंने आंटी की गांड भी मारी.
वे गांड में लंड घुसवाने से बहुत चिल्लाईं क्योंकि उनकी गांड सील पैक थी, जिसकी सील मैंने तोड़ी.

कुछ देर बाद मैंने अपना पूरा माल आंटी की गांड में ही झाड़ दिया.

उसके बाद दो दिन तक हम दोनों लिव इन में रहे और बहुत एन्जॉय किया.

रोहन के आने के बाद हम दोनों गोवा, मनाली और भी जगह घूमने गए.

वह सब मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.

 

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