muslim chudai ; अस-सलामु अलयकुम दोस्तों मेरा नाम जावेद है और मैं20 साल का हू मैं अपनी अम्मी अब्बू का एकलौटा बेटा हू तो वो मुझे बहुत प्यार करते हैं| मेरे वालिदा का इन्तकाल हो चुका है
मेरी अम्मी मेरे ही स्कूल में केमिस्ट्री की टीचर हैं उनकी पतली कमर के स्कूल में बहुत दीवाने है|सारे लड़के कॉरिडोर मे अम्मी को जाते हुए एक बार पलट कर जरूर देखते है और उनपर बहुत गंदे गंदे कमेन्ट किया करते है|
मेरे क्लासमेट मेरी अम्मी को बॉम्ब बुलाते थे और उनपर एक बार चढ़ाई करने के ख्वाब देखा करते थे| ये बातें अम्मी भी बखूबी जानती थी पर शायद वो भी अंदर ही अंदर यही चाहती थी|
क्युकी अम्मी ने भी अब्बू के इंतकाल के बाद किसी के साथ रिश्ते नहीं रखे थे या फिर ये कहे उन्हें कोई मिला नहीं था जिसपर वो ऐतबार कर अपना जिस्म उसपर न्योछावर कर सकें|
मैंने अम्मी को उनके कमरे में रातों को कयी बार फोन पर तेज आवाज मे पोर्न वीडियो देखकर उंगली करते देखा है| मैं ये समझ गया था अम्मी को भी लंड की तलब लगी हुई थी|
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ये कहानी तब कि है जब मैं 12th मे था और मेरे बोर्ड कुछ वक्त मे शुरू होने वाले थे|मेरे क्लास में विशाल और कुंदन थे जो मुझे ना कभी पढ़ने देते ना ही चैन से जीने देते थे मैं उनसे तंग आ चुका था|
वो स्कूल के गैंगस्टर थे उनकी इजाज़त के बिना स्कूल मे कुछ भी नहीं हुआ करता था| ये बात मैंने जब अम्मी को बतायी तो अम्मी ने ये जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया था|
पेरेंट्स टीचर मीट आने वाली थी तो अम्मी ने भी ठाना था कि उन तीनों की शिकायत उनके पेरेंट्स से करेंगी पर मुझसे पेरेंट्स टीचर मीटिंग से पहले ही बेवकूफ़ी हो गई| मैंने अगले दिन उन्हें जब देखा तो चिल्लाकर सब बोल पड़ा जिसका नतीजा क्या होगा
मैंने कभी सपने मे भी ना सोचा था| छुट्टी तक तो सब सही गुज़रा पर मेरी रूह की आवाज कुछ गलत होने का इशारा अभी से देने लगी थी मैं जब अपना सामना बैग मे भरने लगा|
तो मुझे अपनी टेबल पर एक चिट्ठी मिली जो उन्हीं लड़कों ने मुझे भेजी थी उसमे लिखा था आ जाना छुट्टी मे स्कूल के पीछे वाले टॉयलेट मे तेरे लिए तोहफा रखा है|मैं तुरंत अम्मी को ये बात बताने के लिए ढूंढते हुए स्टाफ रूम गया |
अम्मी वहां नहीं थी तो हारकर मैंने वहाँ जाने का फैसला किया| मैं जब वहां पहुंच तो जो मैंने जो देखा वो देख मेरे जिस्म मे करंट सा दौड़ गया विशाल और कुंदन वहाँ कुर्सी लगाकर बैठे थे|
और उन्होंने अम्मी के गले में अपनी बेल्ट डालकर रखी थी मानों जैसे कोई मालिक अपने पालतू कुतिया के गले मे फंदा डाल कर बैठा हो| अम्मी की समीज की बाहें फटी थी और घुटनों पर सलवार घसीटाया हुआ था ये देख मैं रोने लगा|
जिसकी वजह से उन्हें मेरे वहाँ पहुंचने की भनक हो गई थी वो ये जानते ही मेरी अम्मी के ऊपर अपनी टांग चढ़ा कर बैठ गए| मैं अम्मी को उस हाल मे देख दंग था साथ ही मेरा लंड भी तन कर सलामी देने लगा था चलिए |
मैं पहले आपको अपनी अम्मी की खूबसूरती से रुबरु कराता हू| मेरी अम्मी 30 साल की एकदम पटाखा माल है अच्छे अच्छे मोहल्ले के लड़के उनके हुस्न के दीवाने है अम्मी का फिगर 35-30-35 का है
फिर अम्मी बोली अम्मी, तुमने जैसा कहा वैसा मैंने किया अब तो बेटे को छोड़ दोगे तुम मेरे| विशाल ,अरे कुतिया इतने मे ही तुझे छोड़ दे तू हमारी शिकायत करने जा रही थी जानती भी है इसका अंजाम|
कुंदन,भाई लगता है इसको समझाना पड़ेगा जैसे फातिमा को समझाया था| मैं घबरा गया था कि अम्मी के साथ क्या होगा इसलिए मैं वहाँ चला गया अम्मी मुझे देख हड़बड़ा गई और मुझपर चिल्लाने लगी|
ये देख विशाल बोला चुप रह साली रांड ये बोलकर विशाल ने अम्मी को जोर का एक तमाचा मारा| मैं ये देख दंग था कि अम्मी कुछ नहीं बोली और चुप चाप वही कुतिया की तरह पड़ी रही|
विशाल मेरी तरफ बढ़ा और एक रस्सी से मुझे टॉयलेट के दरवाजे से कसकर बांध दिया ये देख अम्मी रोने लगी और मुझे कुछ ना करने को कहा ये सुन कुंदन बोला कुंदन,फ़िक्र मत कर रे तू साली शिकायत तूने की है तो रांड हिसाब भी तेरे से भी चुकता होगा|
अम्मी ,प्लीज मुझे छोड़ दो आइन्दा ऐसी गलती नहीं होगी मुझसे ऐसा अब कुछ नहीं होगा तुम्हें जो चाहिए मैं दे दूंगी|चेयर पर बैठते हुए बोला कुंदन,चल मुझे खुश कर पेपर मे अच्छे मार्क्स भी दूंगी हमे छोड़ दो प्लीज|
विशाल,भाई पूछ इससे हम जैसा बोलेंगे वो करेगी अपने हाथों मे जावेद के गोटे लेकर उसने पूछा|अम्मी ,सब करूंगी बस उसे कुछ मत करना|ये सुनते ही कुंदन ने अम्मी को बालों से घसीटा और खुद ये बातें सुन मुझे मेरे कानों पर ऐतबार ना हुआ
पर मैंने देखा अम्मी झट से कुंदन की पैंट की जिप खोलने लगी| मैंने देखा अम्मी की आँखों में आंसू थे पर अम्मी के सलवार पर के गीले दाग कुछ और इशारा कर रहे थे|अम्मी ने एक बार मे कुंदन का 13 इंच का लंड आधा अपने मुह मे भरा और हौले हौले मस्ती से उसे चूसना शुरू कर दिया
ये देख मेरा लंड मेरी टांगों के बीच अकड़ अकड़ पिचकारी छोड़ने लगा था| मेरी अम्मी कुंदन की आँखों में ऐसे देखती मानो उन्हें उससे बरसों की मोहब्बत हो|ये सब देख मैं खुश था कि अम्मी जिस प्यार के लिए बरसों से तरसती थी
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आज उसे वो मिल गया है| मुझे मुस्कराते देख कुंदन ने अम्मी के बलों को हाथों से पकड़ा और पूरे दम से अपने लंड पर अम्मी के होठों को चलाने लगा|अम्मी के मुँह से लार की बारिश हुई जा रही थी
कुंदन का पैंट तक अम्मी की मुह से बहती लार मे नहा चुका था| कुंदन ने अम्मी को बालों से पकड़ और घसीटता हुआ मेरे पास लाकर फेंक दिया और अम्मी से मेरे मुह पर अपने लंड की गंदगी से सना पानी थुकवाने लगा जो मैं मस्ती से पी गया|
विशाल,देख तो कुंदन कितनी खुश है ये तेरी सेवा करके और – ये इसका बेटा तेरे लंड का स्वाद लेकर|अब कुंदन ने अम्मी को बाथरूम की फर्श पर लिटाया और उसपर चढकर अपना लंड अम्मी के मुह मे पेलने लगा|
अम्मी की गिली होती कच्छी मेरी आँखों के सामने थी जो कुंदन के हर झटके के साथ और रस छोड़ती थी विशाल ने अपनी जीभ को अम्मी की गिली कच्छी पर लगाया और मस्ती से चाटने लगा|
अम्मी के यौवन रस की महक बहुत तगड़ी थी जिसको सूँघ मैं अपने पैंट मे झड़ा जा रहा था| अम्मी साँस के लिए तड़प रही थी और नीचे विशाल के सर को अपनी दरारों पर रगड़ी जा रही थी| अम्मी इस समय किसी पोर्न स्टार से कम नहीं लग रही थी|
विशाल ने अपनी उंगली अम्मी की चूत मे घुसाई और अंदर बाहर कर अम्मी की चूत की अंदरुनी दीवारों को रगड़ने लगा| अम्मी फर्श पर एक तड़पती मछली जैसे छटपटे हुए आहें भर भर अपनी बर्षों की हसरतों को पूरा मजा ले ले कर पूरा कर रही थी|
विशाल ने उंगलिया तेज की तो अम्मी भी अपने जिस्म की गर्मी को न्योछावर कर झड़ गई ये देख विशाल और कुंदन ने अपनी जगह बदली| अब कुंदन अम्मी की गिली चूत पर अपना लोड़ा रगड़ने लगा |
धीरे धीरे अम्मी की चुदाई करना शुरू किया हर झटके के साथ अम्मी कराहती| और ऊपर विशाल अम्मी के स्तनों को चबा चबा कर अम्मी के जिस्म की सुंदरता का लुफ्त उठा रहा था 20-30 जोरदार झटकों के साथ कुंदन अम्मी मे ही झड़ गया था|
अब विशाल की बारी थी तो उन्होंने अम्मी को विशाल के ऊपर लिटाया और अम्मी की गांड मे विशाल का लंड थूक लगाकर घुसा दिया|ऊपर से कुंदन अम्मी पर लेट गया और अपना लंड अम्मी की चूत में घुसा पेलने लगा
अम्मी को एक झटका नीचे और एक झटका ऊपर से लगता तो अम्मी मानों जन्नत मे थी| मैंने देखा अम्मी की आंखे पीछे की ओर पलट गई और अम्मी जमकर चुदने लगी|थोड़ी थोड़ी देर पर कुंदन अम्मी के स्तनों को दांतों से चबाता तो अम्मी और जोर से आहें भरती थी|
2 घंटे की जोरदार चुदाई के बाद विशाल और कुंदन अम्मी के छेदों मे ही झड़ गए| अम्मी ठीक से चल तक नहीं पा रही थी पर अपनी चूत से बहते कुंदन के वीर्य को उँगलियों मे लगाकर चाट चाट कर साफ़ कर रही थी|
अम्मी का ये रूप देख मैं अंदर से हिल चुका था पर मैं खुश भी था कि अम्मी को अब कभी अपनी प्यास बुझाने के लिए तड़पना नहीं होगा| उन दोनों ने कपड़े पहने और और अम्मी को नंगी ही छोड़ दिया
मेरी रस्सी भी खोल दी मैं दौड़कर अम्मी के पास गया| ये देख विशाल बोला क्यूँ रे कैसा लगा हमारा तोहफा ये तोहफा तू जिंदगी भर नहीं भूलेगा ये बोल दोनों हसने लगे| मैंने देखा अम्मी ने उन्हें शुक्रिया कहा |
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जो मैं बिल्कुल भी उम्मीद नहीं कर रहा था अम्मी से मैंने अम्मी की ओर देखा वो आज बहुत खुश थी|तो मैंने भी उनकी खुशी मे सामिल होना ही सही समझा मैं अम्मी को घर लाया तो अम्मी ने बिस्तर पर मुझे अपने साथ खींच लिया
मेरी आँखों मे आंखे डालकर पूछा तुम्हें अपनी अम्मी के तुम्हारे हिन्दू दोस्तों से चुदने मे कोई ऐतराज तो नहीं|मैंने भी अम्मी की मुस्कान को एक वक्त तक निहार कर नहीं कह दिया आप जब चाहो उन्हें घर बुला सकती हो
मेरे ये कहते ही अम्मी ने मुझे कसकर अपने गले लगा लिया और हम वही सो गए अगली हर शाम या रात को विशाल और कुंदन खुश करने आते उन्होंने मुझे तंग करना छोड़ दिया था
मैं भी खुश था कि अम्मी का अकेलापन अब और उन्हें नहीं सतायेगा| अपनी राय देने के लिए मेल करें। शुक्रिया|अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट sexylisa.in आपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।

