मौसेरे भाई के साथ चुदाई का असली आनंद – Bhai Bahan Sex Story

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देसी फुदी कहानी में मैंने अपनी पहली चुदाई की घटना लिखी है. मुझे मेरी मौसी के बेटे ने चोद कर मेरी कुंवारी बुर का मजा लिया था.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मेरा नाम स्वाती है और मेरी उम्र 28 साल है.
मेरा फिगर 34-30-38 है. एकदम गोरा व गदराया बदन है.
मेरे बाल मेरी कमर तक आते हैं.
मेरा हुस्न ऐसा है कि मुझे देख कर बूढ़ों के भी लंड में जान आ जाए.

मेरी शादी हो चुकी है

आज मैं आप को पहली चुदाई की सच्ची घटना बताने जा रही हूँ कि कैसे मेरे अपने भाई ने मेरी बुर की सील तोड़ी और बाद में मेरे ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिल कर थ्रीसम सेक्स किया.

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जब मैं 20 साल की थी, यह तब की Bhai Bahan Sex Story कहानी है.

मेरी बेइंतेहा खूबसूरती के चलते मेरे दीवानों की कमी नहीं थी.
लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी.

मेरे कॉलेज मैं एक लड़का था जो मुझे बहुत पसंद था लेकिन मैं उससे बोलने में झिझकती थी.
मुझे लगता था कि यही खुद आकर बात करे.

कॉलेज में मैं शर्ट और स्कर्ट में जाती थी.
वह मुझे जब भी देखता, मैं झुक कर उसे अपने बड़े बड़े और रसीले चूचे दिखा देती.
इससे वह पानी पानी हो जाता था.

एक दिन की बात है, उसने बहुत हिम्मत करके मुझे प्रपोज कर दिया.
मैंने भी स्वीकार कर लिया.

अब फोन पर हमारी बातें होने लगीं और हम दोनों फोन सेक्स करने लगे.
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.

एक दिन हमारे घर हमारी मौसी आईं तो भाई को मेरे रूम में सोना पड़ा.

मेरे भाई की उम्र 18 साल है. वह भी बहुत हैंडसम है.

हम सब डिनर के बाद सोने चले गए.
रात को करीब 10 बजे मेरे बीएफ का कॉल आया.
मैंने देखा कि भाई सो चुका था.

मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड से बिंदास बातें करने लगी. हम दोनों फोन पर ही गंदी गंदी बातें करने लगे.
लगभग एक बजे तक हम दोनों ने बातें की, फिर सो गए.

रात के करीब दो बजे मैंने अपने पेट पर कुछ भारी भारी सा महसूस किया. मैंने देखा तो यह भाई का हाथ था.
मुझे लगा नींद में उसने अपना हाथ रख दिया होगा.

पहले तो मैंने नजर अंदाज कर दिया.
लेकिन 5 मिनट के बाद उसने अपने बदन को खुजाने के बहाने हाथ हटाया और वापस से मेरी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरी नाभि में उंगली करने लगा.

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मैं कुछ नहीं बोली.

फिर मुझे महसूस हुआ कि मेरी गांड में कुछ चुभ रहा है.
वह और कुछ नहीं, उसका लौड़ा था जो मेरे गद्देदार गांड के बीच में फंसा था.

मैं उसके लंड का अहसास करती रही.
उसका लंड वाकयी बहुत सख्त था.

तभी उसने अपना हाथ मेरे चूचों पर लगाया और एक दूध अपनी हथेली में भर लिया.

एक बात आप को बता दूँ दोस्तो, मैं सोते टाइम ब्रा और पैंटी नहीं पहनती हूँ. मुझे उससे दिक्कत होती है.

बिना ब्रा के मेरे दूध को सहला कर मेरे भाई ने तो अपना काबू ही खो दिया.
वह मेरे दोनों मम्मों को ही बहुत जोर जोर से मसलने लगा.

उसके हाथ से अपनी चूचियां मसलवाने से मुझे बड़ा ही सुकून मिल रहा था.
मैं कसमसाती हुई उसके हाथों से अपने दूध मसलवाने का मजा लेने लगी थी.

उसी दौरान मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
तभी मैंने अपनी गांड पर गर्म गर्म सा महसूस किया.
शायद उसका माल निकल गया था.

वह झड़ कर निढाल हो गया और मेरे पेट को पकड़ कर सो गया.
अगले दिन मैं उठी और नहाने चली गई.

रात का वाकिया सोच सोच कर मैं अपनी चूत में उंगली करने लगी.
कुछ देर बाद मैं नहा कर एक तौलिया बांध कर बाहर आ गई.

अब मैं अपने भाई से चुदने का सोचने लगी थी.

मैं बाथरूम से बाहर आई तो मैंने देखा कि उसकी नींद खुल चुकी थी.
वह बेड पर बैठा था.

मुझे तौलिया में देख कर उसके तो होश ही उड़ गए.
उसने गुडमॉर्निंग बोला.

मैंने भी बोला.

फिर मैं अपने कपड़े निकालने के लिए अल्मारी में देखने लगी.
मैंने आईने से देखा कि मेरा भाई मुझे ही घूर रहा है.

मुझे मस्ती सूझी और मैं झुक कर कपड़े निकालने का नाटक करने लगी.
मेरी तौलिया छोटी थी तो उसकी आंखों के सामने मेरी मुलायम सी गोरी गांड और गुलाबी चूत दिखने लगी थी.

उसका लौड़ा खड़ा हो गया.
फिर मैंने काली ब्रा और पैंटी निकाली और पैंटी पहनी.

फिर बाथरूम में जाकर बिना दरवाजा लगाए ब्रा पहनी.
इससे उसने बड़े आराम से मेरे मम्मों को देख लिया था क्योंकि मैंने दरवाजे से बस अपना चेहरा भर छुपाया था और चूचे उसके सामने ही थे.

फिर मैंने स्कर्ट पहना और शर्ट पहन कर बाहर आ गई.
मैं कमरे से बाहर चली गई तो वह बाथरूम में घुस गया और उधर जाकर उसने मेरी पैंटी पर मुठ मारी और बाहर आ गया.

बाद में मैंने अपनी पैंटी पर उसका वीर्य लगा देखा, तो मैं मुस्कुरा दी.

मैं उस दिन कॉलेज नहीं गई क्योंकि मम्मी और मौसी किसी रिश्तेदार के घर गई थीं.
उन दोनों को शहर से बाहर जाना था तो वे दोनों देर शाम तक वापस आने की कह कर गई थीं.

मैं दिन भर अपने भाई को अपने बूब्स दिखा दिखा कर पागल किए जा रही थी और उसे छेड़े जा रही थी.

शाम को मम्मी का कॉल आया कि वे उसी रिश्तेदार के घर ही रुक गई हैं और कल शाम तक वापस आएंगी.
यह सुन कर तो मेरी खुशी का ठिकाना न रहा.

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मैंने तुरंत अपनी चूत और बगलों के सारे बाल साफ किये और केवल एक ब्लैक शर्ट व मिनी स्कर्ट पहन कर रात का डिनर बनाने लगी.

जब मैं जरा सा ही झुकती थी, तो मेरी स्कर्ट से मेरी गदरायी गांड साफ दिखने लगती थी.

मैं बार बार अपने भाई को झुक कर काली पैंटी में कसी हुई अपनी गांड दिखाने लगी थी.
पलट कर सामने से उसे मैं अपने दूध भी दिखा रही थी.

उसका लंड एकदम गन्ने की तरह सख्त होकर उसके लोवर से दिखने लगा था.
शायद उसने लोवर के अन्दर चड्डी नहीं पहनी थी तो उसका लंड भी साफ दिख रहा था.

फिर हम दोनों खाना खाने के बाद सोने जा रहे थे.
तो मैंने भाई से कहा- आज भी मेरे साथ ही सो जाओ … मुझे अकेले सोने में डर लगेगा.

वह झट से मान गया.
हम दोनों एक साथ सो गए.

रात के करीब एक बजे उसने मेरी शर्ट में हाथ डाला और नाभि में उंगली करने लगा.

फिर कुछ पल बाद उसने मेरी शर्ट के बटन खोले, तो मैं थोड़ा सा कुनमुनाई और पलट गई.

वह डर गया और दूसरी तरफ मुँह करके सो गया.

कुछ मिनट बाद उसने देखा तो मेरे दोनों बड़े बड़े रसीले चूचे उसके सामने थे.
वह उन्हें देखता रहा फिर अपने एक हाथ से हल्के से दबाने लगा.

फिर उसने बड़ी हिम्मत करके मेरे एक बूब को अपने मुँह में भर लिया और एक छोटे बच्चे की तरह निप्पल चूसने लगा.

मैं पागल हुई जा रही थी.
मेरी बुर बहुत ही ज्यादा गीली हो गई थी.

तभी उसने मेरी स्कर्ट को उठाया तो मेरी चिकनी बुर को देखते ही वह उस पर टूट पड़ा और उसे चूसने लगा.

अब उसने खड़े होकर अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मेरे मुँह के पास आकर खड़ा हो गया.

वह मेरे मुँह में अपना लौड़ा डालने लगा.
मैंने अपना मुँह खोला और उसने मेरे होंठों में लंड लगा दिया.

मैं उतना मुँह ही खोले रही.
मैंने अपने भाई के लंड को अन्दर नहीं लिया.

इससे उसे मजा नहीं आया तो वह मेरे बाजू में लेट गया और मेरी चूत में अपना लौड़ा डालने लगा.

बहुत कोशिश के बाद भी जब उसका लंड अन्दर नहीं घुसा तो वह मेरी चूत को किस करके मेरे कपड़े ठीक करके सोने लगा.

पर उसे चैन नहीं मिल रहा था तो वह मेरी चूत मसलने लगा.

फिर मैं थोड़ी सी हिली तो उसे लगा कि मैं जाग रही हूँ.
वह मुझसे दूर होकर दूसरी साइड मुँह लेकर सो गया.

फिर मैं उठी और किचन में जाकर अपनी बुर में घी लगा कर आई और थोड़ा सा घी अपने हाथ में लेकर भी आई.

मैं लेट गई.

पांच मिनट बाद वह फिर से मुड़ा तो उसने देखा कि मेरे जिस्म पर मेरी शर्ट और स्कर्ट नहीं थी.

मैं किचन में ही अपने कपड़े खोल कर आ गई थी.
वह चादर हटा कर अपने हाथों के बल खुद को सैट करके मेरे ऊपर चढ़ गया.

वह अपना लौड़ा मेरी चूत में फिर से रगड़ने लगा.
इस बार उसको मेरी चूत पर कुछ चिकना चिकना सा महसूस हुआ.

तभी मैंने उसके लौड़े पर बचा हुआ घी लगा दिया.
वह एकदम से हैरान हो गया.

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मैंने उसका लौड़ा अपनी चूत के छेद पर सैट किया और हाथ हटा दिया.
वह समझ गया था कि मैं खुद चुदने मचल रही हूँ.

वह बिना देरी किए मेरी बुर में लौड़ा घुसाने लगा.

उसके लंड का टोपा मेरी चूत में घुस गया.
मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द हुआ.

मगर मैंने अपने मुँह को भींच लिया जिससे मेरी चीख मेरे मुँह में ही दब कर रह गई.

तभी उसने धीरे से मेरे कान में कहा- मुँह में कुछ डाल लो.
मैंने तकिया मुँह में भर लिया.

तभी उसने जोर से धक्का लगाया.
मेरी चूत की सील टूट गई.
मेरी तो जान ही निकल गई.

फिर वह कुछ पल के लिए रुका रहा.
जब मुझे थोड़ा आराम मिला तो उसने धीरे धीरे धक्का लगाना चालू कर दिया.

कुछ देर के बाद मुझे मजा आने लगा.

मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर उससे चुदवाने लगी और मादक आवाजें निकालने लगी- आह उई मां मर गई रे … आआ आह और तेज चोद मुझे भाई … और तेज … फाड़ दो मेरी चूत को … आह उई मां आह ऊ हाय … और तेज और तेज!

करीब बीस मिनट के बाद उसका बदन अकड़ने लगा और वह मेरी चूत में ही झड़ गया.
जब चूत से उसका लौड़ा निकला तो मैंने देखा कि मेरी चूत से खून निकल रहा था.

खून के साथ मेरी चूत का रस और उसके लंड का माल मिक्स होकर निकल रहा था.
वह मेरे ऊपर ही सो गया.

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मुझे और चुदने का मन कर रहा था.

कुछ पल बाद मैंने उसको उठाया.
उसका सात इंच का लौड़ा कपड़े से साफ करके अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

जल्द ही मैंने अपने भाई के लंड को चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.

फिर मैं डॉगी पोज में हो गई.
मेरा भाई पीछे से मेरी चूत मैं अपना लौड़ा डाल कर मेरी चुदाई करने लगा.

इस बार देर तक चुदाई चली.
उसने मेरे दोनों दूध मसल मसल कर मुझे चोदा.

भाई ने बहन को चोदने के बाद अपने लंड का वीर्य फिर से अपनी बहन की चूत में छोड़ दिया.

मेरा भाई अपना लौड़ा मेरी चूत में डाले हुए ही सो गया.

मैं भी दो बार चुदवा कर थक गई थी तो कब सो गई, कुछ होश ही न रहा.

सुबह नींद खुली तो मैंने देखा कि उसका लौड़ा मेरी चूत से बाहर निकल चुका था.
मेरी फुदी चुद कर सूज गई थी.

मैं उठी तो वह भी जाग गया.

वह मुस्कुरा दिया और फिर से मेरी चूत चाटने लगा.
मैं 69 के पोज में आ गई.

हम दोनों एक दूसरे का आइटम चाट चूस रहे थे.
दस मिनट बाद हम दोनों ही एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.

आगे की सेक्स कहानी मैं बाद में लिखूँगी |

मेरी यह देसी फुदी कहानी आपको कैसी लगी, कमेंट में जरूर बताएं.

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