सगी बहन को चोद कर घरवाली बनाया – Bhai Bahan Ki Chudai

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मेरा नाम शिखर है और मैं प्रयागराज का रहने वाला हूँ.
आज मैं जो भाई बहन चुदाई कहानी बताने जा रहा हूँ, वो मेरी बहन की चुदाई की है और एकदम सच है.

मेरे घर में कुल 4 लोग हैं. मेरे मम्मी पापा और मेरी छोटी बहन.
पापा एक पुलिस ऑफिसर हैं उनकी ड्यूटी अक्सर घर से दूर के शहर में होती है.

मेरी मम्मी एक हाउस वाइफ हैं.
मेरी छोटी बहन शिखा ने अभी इंटर की परीक्षा पास की है. मैं बी.ए. फाइनल कर चुका हूँ.

अब मैं अपनी छोटी बहन शिखा की फिगर के बारे में बता देता हूँ.
उसका फिगर कुछ इस तरह से है. उसकी चूचियों की साइज़ 34 इंच है, कमर 30 की और गांड की साइज़ 36 इंच है. शिखा की हाइट 5 फुट 7 इंच है. वो बहुत ही सुंदर है.

ये बात उन दिनों की है, जब मेरी छोटी बहन शिखा की सहेली की शादी थी.
मेरी मम्मी ने मुझसे कहा- शिखर बेटा, तुम अपनी बहन के साथ उसकी सहेली की शादी में उसे लेकर चले जाना.
मैंने हामी भर दी.

हम भाई बहन रात को बाइक से शादी में जाने के लिए निकल ही रहे थे, उसी समय मैंने अपनी बहन को देखा.
वो उस समय लहंगा चुनरी पहनी हुई थी. उसकी चूचियां अभी और भी मस्त दिख रही थीं.
मैं अपनी बहन को देखता ही रह गया.

तभी उसने मुझे देखा और वो बोली- क्या देख रहे हो भैया?
तो मैंने अकबका कर उसकी चूचियों से नजरें हटाते हुए कहा- तुम बहुत ही सुंदर लग रही हो!
उसने मुस्कुरा कर कहा- थैंक्स भैया.

फिर हम दोनों घर से निकल पड़े.
मैं साइड में लगे पीछे देखने वाले शीशे में से उसे बार बार देख रहा था.

अभी हम दोनों थोड़ी दूर ही पहुंचे थे कि मेरी बहन ने मुझे देख लिया कि मैं साइड के शीशे में उसे बार बार देख रहा हूँ.
उसको मेरी वासना भरी नजरों से पता चल गया था कि मैं उसके बारे में क्या सोच रहा हूँ.

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फिर वो भी मेरी नजरों में नजरें मिल कर मुझे देखने लगी थी.
मेरी प्यासी नजरों से उसकी नजरें मिलने से एक अजीब सी सनसनी हो रही थी.

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थोड़ी ही देर में हम लोग शादी में पहुंच गए.

जब हम लोग वहां पहुंचे तब बारात आ चुकी थी और जयमाल का कार्यक्रम चल रहा था.

मेरी छोटी बहन शिखा ने जयमाल कार्यक्रम में ही स्टेज पर पहुंच कर अपनी सहेली को बधाई दी.

वो अपनी सहेली के बाजू में वहीं स्टेज पर खड़ी हो गयी.
उधर से ही मैं अपनी बहन को देखे जा रहा था. उसकी नजरें भी मुझसे मिल गईं और हम दोनों एक बार फिर से एक दूसरे बार बार देखने लगे थे.

अब मैं उसके मन को जानना चाहता था, तो मैं वहां से कुछ दूर जाकर छुप कर उसे देखने लगा.
थोड़ी देर बाद जब मैं वहां नहीं दिखा, तो वो बड़ी बेचैनी से इधर उधर देखने लगी.

मैंने देखा कि उसके चेहरे पर कुछ निराशा के भाव थे.
तभी मैं उसके सामने आ गया.
अब उसके चेहरे पर वापस खुशी आ गई थी.

अब हम दोनों फिर से एक दूसरे को बार बार देख रहे थे.
तभी जयमाल का कार्यक्रम समाप्त हो गया और सब लोग खाना खाने लगे.
मैं भी खाना खाने लगा.

खाना खाने के बाद हम दोनों घर के लिए निकल पड़े और रास्ते में साइड वाले शीशे में हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे, लेकिन दोनों की ही कुछ कहने की हिम्मत नहीं हुई.
तभी मेरी छोटी बहन शिखा की चूचियां मेरी पीठ से रगड़ खाने लगी थीं.

मैंने शीशे से उसे देख कर हल्की सी मुस्कान दी, तो वो भी मुस्कुरा दी.
अब हम दोनों एक दूसरे को शीशे में देख कर मुस्कुरा रहे थे.
हमारी इस मुस्कान में बहुत कुछ छिपा था.

तभी घर आ गया. शिखा ने घंटी बजा दी और मम्मी ने दरवाजा खोल दिया.
हम दोनों घर के अन्दर आ गए.

मेरी छोटी बहन शिखा ने थोड़ी दूर जाकर मेरी तरफ देखा.
मैंने भी उसकी तरफ देखा.

फिर वो अपने कमरे में चली गयी और मैं अपने कमरे में चला गया.

तभी शिखा ने आवाज़ लगाई- मम्मी और आपको पानी पीना है, तो मेरे कमरे में रखा है, आकर पी लेना.
वो ये मुझे सुनाती हुई बोली थी. क्योंकि मम्मी ने कह दिया था कि मेरे पास पानी है.

मैं समझ गया और मैंने दरवाजा खोल कर देखा.
बहन मेरे कमरे के बाहर खड़ी थी.

वो मुझे देखकर मुस्कुराती हुई अपने कमरे में चली गयी और उसने अपने कमरे का दरवाजा खुला छोड़ दिया.
मैं समझ गया कि मेरी बहन भी मुझे चाहती है.

फिर मैं धीरे से दबे पांव उसके कमरे में पहुंच गया.
वो शीशा के सामने बैठी अपने बालों का जूड़ा बना रही थी और उस समय उसने चुन्नी नहीं ली हुई थी, जिस वजह से उसकी तनी हुई दोनों चुचियां बहुत ही कामुक लग रही थीं.

उसने पलट कर मुझे देखा और वो बोली- क्या है भैया?
मैंने कहा- मुझे प्यास लगी है.

वह एक ग्लास में पानी लेकर मुझे देने लगी.
तो मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया.
वह कटी हुई डाली की तरह मेरी बांहों में आ गिरी.

हम दोनों एक दूसरे की चुम्मी ली.

मैंने कहा- शिखा आई लव यू.
शिखा ने भी कहा- आई लव यू टू.

अब हम दोनों एक दूसरे को जबरदस्त किस करने लगे.
वह मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर मेरी लार को पीने लगी थी और मैं उसकी जुबान को मस्ती से चूसता हुआ उसकी चूचियां मसलने लगा था.

उसके मुँह से मुश्किल से हल्की हल्की आह आह निकल पा रही थी क्योंकि मेरा मुँह उसके मुँह से लगा हुआ था, जिस वजह से वो सही से अपनी आवाज बाहर नहीं निकाल पा रही थी.

फिर मैंने उसकी चोली और ब्रा निकाल दी और उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर कर पीने लगा.

उसने भी अपने हाथ से अपनी चूची मुझको पिलाना शुरू कर दिया था.
वो अपने एक हाथ से अपना दूध मुझे पिला रही थी और दूसरे हाथ से मेरा सर सहला रही थी.

ऐसे लग रहा था कि वो मुझे अपना बेबी समझ कर दूध पिला रही हो.
कुछ देर बाद उसने मेरी शर्ट निकाल दी और मेरी गर्दन को किस करने लगी.
उसकी चूचियां बहुत ही टाइट थीं.

काफी देर तक मैं उसकी चूची को पीने के बाद मैंने उसके लहंगे को निकाल दिया और पैंटी भी निकाल दी.
अब मैं उसकी बुर को किस करने लगा, इससे वो सिहर उठी.

फिर उसने मेरा पैंट उतार दिया और मेरे लंड को चूसने लगी.
हम दोनों 69 में आ गए थे.
मैं भी उसकी चूत को बार बार चाट रहा था.

कुछ देर बाद वो बोली- भैया, अब मैं झड़ने वाली हूँ.

मैंने कहा- शिखा आज मैं तुम्हारी चूत का पानी पीना चाहता हूँ.
वो बोली- हां भैया, मैं भी आपके लंड का पानी पीना चाहती हूँ.

फिर हम दोनों एक दूसरे की बुर व लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसने चाटने लगे थे.
शिखा ने अकड़ कर कहा- आह भैया, अब मैं झड़ने वाली हूँ!

मैंने उसकी बुर को अपने मुँह से दबा लिया और उसकी बुर का पानी पी गया.

उसी समय मैं भी झड़ने लगा और उसने भी मेरे लंड को अपने मुँह के अन्दर भर लिया.
वो भी मेरे लंड का पानी पी गई.

अब हम दोनों सीधे हो गए और एक दूसरे को किस करने लगे.
हम दोनों को ही एक दूसरे के मुँह से अपने अपने माल का स्वाद बड़ा टेस्टी लग रहा था.

थोड़ी देर में ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
फिर मैंने शिखा की बुर पर अपना लंड सैट किया और एक धक्का मारा.

मेरा आधा लंड उसकी बुर में घुस गया और वो दर्द से तड़फने लगी.
शिखा- आह भैया, बहुत दर्द हो रहा है … आह अपना बाहर निकाल लो … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

मैंने हाथ लगा कर देखा, तो उसकी बुर से खून निकल रहा था.

फिर मैं उसके होंठों पर किस करने लगा.

थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैंने कहा कि शिखा थोड़ा बर्दाश्त कर लेना प्लीज … मैं इस बार ज़ोर से धक्का मारने जा रहा हूँ.
वो बोली- नहीं भैया, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

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तो मैंने कहा- कुछ ही देर दर्द होगा, फिर तुझे बहुत मज़ा आएगा.
उसने मेरी बात मानते हुए कहा- ठीक है भईया, आज से ये आपकी ही बुर है, चाहे जो कर लो.

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उसके ये कहते ही मैंने एक जोरदार धक्का मारा.
मेरा पूरा लंड उसकी बुर में जड़ तक घुसता चला गया. वो मुँह दबा कर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.

फिर मैं धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा. अब उसे भी मज़ा आ रहा था.
वो मेरा साथ देने लगी.

फिर कुछ ही देर बाद शिखा लंड को बुर में हचक कर लेने लगी.

मुझे उम्मीद नहीं थी कि जो लड़की कुछ देर पहले लंड से तड़फ रही थी, वो अब लंड को झांट नहीं समझ रही थी.
उसके मुँह से निकलती मस्त आवाजें मुझे भी मस्त करने लगी थीं.

फिर करीब पंद्रह मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद वो झड़ गई और उसके झड़ते ही मैं भी अपनी बहन की बुर में झड़ गया.

हम दोनों बेहद थक गए थे, तो एक दूसरे की बांहों में ही नंगे सो गए.

सुबह हुई तो मम्मी की आवाज आई.
मैं एक पल को तो घबरा गया, पर फिर जल्दी से बेड के नीचे छुप गया.

शिखा ने अपने कपड़े पहन कर दरवाज़ा खोला और बोली- मम्मी, आप चलिए, मैं आ रही हूँ.

फिर शिखा कमरे दरवाजा खुला छोड़ कर मम्मी के साथ किचन में चली गयी.

उन दोनों के जाते ही मैं भी निकल कर अपने कमरे में आ गया.
उधर से मैं क़िचन में पहुंच गया.

हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे.
फिर मम्मी के बाहर जाते ही मैंने उसे किचन में भी उसे किस किया.

तभी मम्मी की आवाज आई- शिखा, मैं मंदिर जा रही हूँ, तू भैया को नाश्ता करा देना.
मम्मी बाहर निकल गई थीं और पापा का कोई डर था नहीं, वो तो बाहर जॉब करते हैं.

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हम दोनों चुदाई करने लगे.
उस दिन के बाद से हम दोनों की मस्त चुदाई होने लगी.

लेकिन एक दिन मम्मी ने हम दोनों को चुदाई करते हुए पकड़ लिया.

हम दोनों नंगे थे और मम्मी के सामने डर से कांप रहे थे.
मम्मी ने हम दोनों को बहुत मारा.

फिर हम दोनों ने कहा- मम्मी … हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और एक दूसरे के बिना जी नहीं सकते हैं. हम दोनों एक दूसरे को पति पत्नी मान चुके हैं और एक दूसरे से ही शादी करेंगे.

इस बात को लेकर काफी मच-मच हुई.
मम्मी ने हम दोनों को अलग अलग कमरों में बंद कर दिया.
तीन दिन तक मामला गर्म रहा.

फिर मम्मी ने हम दोनों के आगे झुक गईं. उन्होंने पापा को बिना बताए ही हम दोनों की शादी कर देने का फ़ैसला कर लिया.

हम दोनों ने शादी के कपड़ों के लिए एक शॉपिंग की.
मम्मी ने हम दोनों को किसी दूसरे शहर में लेजाकर धर्मस्थल में झूठ बोल कर शादी करा दी.

उसी रात को मम्मी ने ही हम दोनों की सुहाग सेज सजाई.
उस रात को मैंने शिखा को 5 बार चोदा.

फिर हम दोनों 3 महीने तक लगातार चुदाई करते रहे.
भाई बहन चुदाई से शिखा प्रेग्नेंट हो गयी.

यह बात हम दोनों ने जब मम्मी को बताई तो मम्मी ने कहा कि मुझे इसी दिन का इंतजार था.

अब मम्मी ने पापा को फोन किया और कहा कि शिखा अपने कॉलेज में एक लड़के से प्यार कर बैठी है और वो प्रेग्नेंट हो गयी है.
वे हम दोनों के सामने ही पापा से बात कर रही थीं.

उनके मुँह से ये सब सुनकर हम दोनों चौंक गए.

मम्मी ने पापा से कहा कि वो लड़का शिखा को धोखा देकर भाग गया है, अब मैं बदनामी से बहुत डर रही हूँ, क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा है?
पापा भी बहुत परेशान हुए.

फिर मम्मी ने कहा- हम यहां से सारा घर सम्पत्ति बेच कर आपके पास आ जाते हैं.
पापा ने कहा- यहां के लोग जब पूछेंगे, तो मैं क्या जवाब दूँगा?

मम्मी ने कहा कि हम शिखा और शिखर दोनों की शादी करा के सबको बता देंगे कि ये मेरा बेटा है और ये उसकी पत्नी है. वहां तो हमारे बच्चों के बारे कोई नहीं जानता है.
तो पापा ने कहा- क्या शिखर मानेगा?
मम्मी ने कहा- मैं उसे मना लूँगी.

फिर हम दोनों भाई बहन ने मम्मी की बात सुनकर मम्मी के पैरों को छूने लगे.

मम्मी ने सब कुछ बेचा क्योंकि जायदाद उनके नाम ही थी.
उसके बाद हम सब वाराणसी जाकर शिफ्ट हो गए.

अभी मेरी बहन शिखा ने मेरे बेटे को जन्म दिया है. हम सब खुशी से रहते हैं.
ये एक सत्य घटना के ऊपर आधारित भाई बहन चुदाई कहानी है.
आपको कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स करें.

 

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